कोलकाता । तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) विधायक हुमायूं कबीर (TMC MLA Humayun Kabir) द्वारा मंगलवार को दिए गए बयान (Statement) से विवाद खड़ा हो गया। उन्होंने दावा किया कि पार्टी के भीतर कुछ लोग सुप्रीमो ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) के फैसलों को प्रभावित करने की कोशिश कर रहे हैं। कबीर का यह बयान ममता बनर्जी द्वारा पार्टी में अनुशासन और नेतृत्व को बेहतर बनाने के लिए कई समितियां बनाए जाने के एक दिन बाद आया है। सुप्रीमो ने राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी को भी अतिरिक्त जिम्मेदारियां दी हैं।
भरतपुर विधायक कबीर ने पश्चिम बंगाल विधानसभा परिसर के बाहर एक टीवी चैनल से बात कर आरोप लगाया कि हमारी नेता ममता बनर्जी के आस-पास के लोग उनके शुभचिंतक नहीं हैं। वे केवल अपनी स्थिति को मजबूत करना चाहते हैं, न कि ममता को राज्य की प्रशासनिक प्रमुख के रूप में बनाए रखना चाहते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 2026 के विधानसभा चुनावों में इन लोगों को जवाब मिलेगा।
अभिषेक बनर्जी के प्रभाव को कम करने की कोशिश सफल नहीं होगी
विधायक कबीर ने टीएमसी राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी के बारे में कहा कि वे पार्टी में नंबर दो हैं। जिन लोगों ने उनके प्रभाव को कम करने की कोशिश की, वे सफल नहीं होंगे। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बेलडांगा में पार्टी के वफादार कार्यकर्ताओं को, जो पहले चुनावों में पार्टी के लिए मेहनत कर चुके थे, प्रशासन द्वारा परेशान किया गया और गिरफ्तार किया गया। टीएमसी सुप्रीमो के फैसले को प्रभावित करने वाले इन नेताओं में से किसी ने भी पार्टी कार्यकर्ताओं की मदद नहीं की।
कबीर ने यह भी कहा कि अगर पार्टी उनके खिलाफ कोई कार्रवाई करना चाहती है, तो वे इसका विरोध नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि मैं पार्टी में कुछ लोगों के गलत कामों के खिलाफ बोलना जारी रखूंगा।
जरूरत पड़ने पर उचित कार्रवाई की जाएगी: घोष
दूसरी तरफ, विधायक कबीर के आक्रोश पर टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि उन्हें ऐसी बातें नहीं बोलनी चाहिए थी। अगर उन्हें कोई शिकायत थी, तो पार्टी फोरम के भीतर इस मुद्दे को उठाना चाहिए था। घोष ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ने विधायक कबीर की हरकत पर ध्यान दिया है। जरूरत पड़ी तो उचित कार्रवाई की जाएगी।
तीन नोटिस के बाद शुरू होगी निलंबित करने कि प्रक्रिया: भट्टाचार्य
वरिष्ठ टीएमसी नेता और राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने सोमवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद कहा था कि बेहतर अनुशासन और प्रभावी नेतृत्व सुनिश्चित करने के लिए पार्टी ने विभिन्न स्तरों पर तीन अनुशासन समितियों का गठन किया है। उन्होंने कहा कि अगर किसी को किसी समिति द्वारा कारण बताओ नोटिस जारी किया जाता है, तो उसे इसका जवाब देना होगा। अगर किसी व्यक्ति को ऐसे तीन कारण बताओ नोटिस मिलते हैं, तो उसे निलंबित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved