नई दिल्ली । तृणमूल कांग्रेस (Trinamool Congress)से राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार(Jawahar Sarkar, Member of Parliament, Rajya Sabha) के इस्तीफे से पार्टी में हलचल(stir in the party) नजर आ रही है। खबरें हैं कि पार्टी प्रमुख और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने खुद सरकार से संपर्क साधा है और इस्तीफे पर विचार करने के लिए कहा है। हालांकि, दोनों नेताओं के बीच बातचीत को लेकर टीएमसी ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है। सांसद ने आरजी कर मामले पर राज्य सरकार के रवैये से नाराज होकर पद छोड़ने का ऐलान कर दिया था।
एक रिपोर्ट के अनुसार, बंगाल सीएम बनर्जी ने जवाहर सरकार को कॉल किया था और फैसले पर दोबारा विचार करने की अपील की है। रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से लिखा है कि सरकार 11 सितंबर को राजधानी दिल्ली पहुंचेंगे और राज्यसभा सचिवालय में इस्तीफा सौंप देंगे। आरजी कर कॉलेज और अस्पताल के सेमीनार हॉल में 9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर की लाश मिली थी, जिनकी बलात्कार के बाद बेरहमी से हत्या कर दी गई थी।
क्या बोले जवाहर सरकार
रविवार को सीएम बनर्जी को पत्र लिखकर सरकार ने राजनीति और राज्यसभा की सदस्यता छोड़ने की बात कही है। उन्होंने आरजी कर अस्पताल की चिकित्सक से कथित बलात्कार व उसकी हत्या के मामले में राज्य सरकार की तरफ से उठाए गए कदम को ‘अपर्याप्त और काफी देर से उठाया गया’ बताया है। पत्र में, जवाहर सरकार ने कहा कि राज्य सरकार से उनका ‘मोहभंग’ हो गया है, क्योंकि ऐसा लगता है कि राज्य सरकार भ्रष्टाचार और नेताओं के एक वर्ग के बल प्रयोग की रणनीति के प्रति ‘बिल्कुल भी चिंतित नहीं’ है।
पहले भी थी इस्तीफा देने की तैयारी
सरकार ने कहा कि तृणमूल में शामिल होने के एक साल बाद 2022 में, वह पूर्व शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के खिलाफ भ्रष्टाचार के ‘खुले सबूत’ देखकर ‘काफी हैरान’ रह गए।
उन्होंने कहा, ‘मैंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि पार्टी और (राज्य) सरकार को भ्रष्टाचार से निपटना चाहिए, लेकिन पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने मुझे ही घेर लिया। मैंने तब इस्तीफा नहीं दिया क्योंकि मुझे उम्मीद थी कि आप (ममता बनर्जी) ‘कट मनी’ और भ्रष्टाचार के खिलाफ अपना सार्वजनिक अभियान जारी रखेंगी, जिसे आपने एक साल पहले शुरू किया था पूर्व नौकरशाह ने कहा कि उन्हें उनके शुभचिंतकों ने सांसद बने रहने के लिए मनाया, ताकि वह ‘ऐसे शासन के खिलाफ लड़ाई जारी रख सकें जो भारतीय लोकतंत्र और नागरिक स्वतंत्रता के लिए अब तक का सबसे बड़ा खतरा है।’
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