नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2024 के पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की चीफ ममता बनर्जी को घेरा है. उन्होंने आरोप लगाया कि टीएमसी ने बंगाल को अवैध घुसपैठियों को लीज पर दे दिया है. वह कानूनी शरणार्थियों का विरोध करती है और नहीं चाहती है कि देश में वैध लोग बसें. ऐसे में टीएमसी सीएए का भी विरोध करती है और अवैध घुसपेठियों को बसाती है.
पश्चिम बंगाल के बालुरघाट में मंगलवार (16 अप्रैल, 2024) को चुनावी जन सभा के दौरान पीएम ने आगे यह भी कहा, “यह पहली रामनवमी है, जब अयोध्या में भव्य मंदिर में रामलला विराजमान हो चुके हैं. मुझे पता है कि टीएमसी ने हमेशा की तरह यहां रामनवमी उत्सव रोकने की पूरी कोशिश की और सारे षड्यंत्र रचे पर जीत सत्य की ही होती है. ऐसे में कोर्ट से अनुमति मिल गई है और कल पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ रामनवमी की शोभायात्राएं निकलेगी. मैं बंगाल के मेरे सभी भाई-बहनों को इस अवसर पर बधाई देता हूं.”
जल्द बंद होने वाली है टीएमसी की दुकान- नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री ने स्पीच के दौरान आरोप लगाया कि मनरेगा का पैसा टीएमसी ने रोका है, जबकि बीजेपी ने बंगाल के विकास के लिए हर संभव प्रयास किया. आप सभी के सपने को पूरा करना ही नरेंद्र मोदी का संकल्प है और आपके सपनों को पूरा करना ही नरेंद्र मोदी का काम है. जल्द टीएमसी की दुकान बंद होने वाली है. टीएमसी ने बंगाल के विकास को रोका है. यहां के आदिवासी समाज के त्याग और बलिदान का देश पर बड़ा कर्ज है. आज भाजपा यहां आदिवासियों और दलितों के सम्मान के लिए लड़ रही है.
“दलित-आदिवासी औरतों को बंधक बनाना चाहती है TMC”
नरेंद्र मोदी ने आगे दावा किया कि बीजेपी ने ही देश को पहली आदिवासी महिला राष्ट्रपति दी है. टीएमसी जैसी पार्टी दलित और आदिवासी महिलाओं को बंधक बनाकर रखना चाहती है. ये चुनाव इन्हें बताएगा कि दलित, वंचित और आदिवासी टीएमसी के गुलाम नहीं है और न रहेंगे. आदिवासी महिलाओं को घुटनों पर बैठाने वाली टीएमसी जल्द ही घुटनों पर आ जाएगी. टीएमसी को लगता है कि दलित, आदिवासी और गरीब मर्जी से चलने के लिए आजाद नहीं हैं पर यह चुनाव इन्हें बताएगा कि बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के लोकतंत्र में दलित, वंचित और आदिवासी टीएमसी के गुलाम नहीं हैं.
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