कोलकाता (Kolkata) । ओडिशा (Odisha) के बालासोर (balasore) में हुए ट्रेन हादसे (train accident) में 288 लोग मारे गए और सैकड़ों घायल हो गए। इनमें से कई पश्चिम बंगाल से भी थे। यहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamta Banerjee) ने इन लोगों के परिजनों की मदद का आश्वासन दिया है। अब सामने आया है कि टीएमसी (TMC) ने हादसे के पीड़ितों के परिजनों की मदद के लिए 2000 रुपए के नोट का इस्तेमाल किया है। इसको लेकर भाजपा (BJP) ने टीएमसी पर निशाना साधा है। वहीं, टीएमसी की तरफ से भी इस पर प्रतिक्रिया आई है। टीएमसी ने कहा है कि 2000 के नोट अभी भी चलन में हैं।
तीन भाइयों के परिजनों को दिया गया था
ओडिशा के बालासोर में हुए हादसे में साउथ 24 परगना के बसंती निवासी तीन भाई हरन, निशिकांत और दिबाकर गाएन की मौत हो गई थी। यह सभी कोरोमंडल एक्सप्रेस से यात्रा कर रहे थे। गाएन फैमिली के एक रिश्तेदार जॉयदेब मंडल ने बताया कि सोमवार को टीएमसी का एक डेलीगेशन आया था। उन्होंने हादसे में मारे गए तीनों भाइयों के परिवार को मदद की राशि दी। सभी परिवारों को दो लाख रुपए की मदद दी गई जो दो हजार रुपए की नोट के बंडल के रूप में थे। यह पैसे तीनों पीड़ितों की विधवाओं को दिया गया था।
अभिषेक बनर्जी ने किया था ऐलान
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को 5 लाख की सरकारी मदद का ऐलान किया था। इसके अलावा ममता बनर्जी के भतीजे और टीएमसी के राष्ट्रीय महासचिव अभिषेक बनर्जी ने पार्टी फंड से दो लाख रुपए की मदद के लिए कहा था। इस हादसे में मारे गए पश्चिम बंगाल के 113 लोग मारे गए हैं और उनकी पहचान हो चुकी है। वहीं, अभी भी 30 लोग गायब हैं। जॉयदेब मंडल के साले दिबाकर गाएन ने फोन पर बताया कि हमने टीएमसी के डेलीगेशन से पूछा था कि यह पैसे किसलिए हैं। उन्होंने कहा कि यह अभिषेक बनर्जी द्वारा टीएमसी पार्टी फंड से दिया जा रहा है। टीएमसी के डेलीगेशन में राज्य मंत्री शशि पांजा, बसंती से टीएमसी विधायक श्यामल मंडल और टीएमसी सांसद प्रतिमा मंडल भी शामिल थीं।
परिवारों को नहीं दी गई थी रसीद
गौरतलब है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने 19 मई को 2000 के नोट को चलन से बाहर कर दिया था। इसके अलावा इसे बदलने के लिए लोगों को 30 सितंबर 2023 तक का समय दिया था। जॉयदेब मंडल ने कहा कि हमने नेताओं से पूछा था कि 2000 रुपए के नोट होने से समस्या तो नहीं होगी। इस पर उन लोगों ने कहा कि इन्हें ले जाकर बैंक में जमा करा दें। परिवारों को किसी भी तरह की रसीद भी नहीं दी गई है। उनसे कहा गया था कि अगर बैंक में कोई कुछ कहे तो बता देना कि यह पैसा टीएमसी की तरफ से हादसे के मुआवजे के तौर पर दिया गया है। मंडल ने आगे बताया कि हम मंगलवार को बैंक जाकर पैसे जमा करने वाले थे। लेकिन राज्यपाल सीवी आनंद पीड़ितों के परिवारों से मिलने आने वाले थे, इसलिए हम नहीं जा सके। बुधवार को हमें कोलकाता जाकर मुख्यमंत्री से मुआवजा लेना है। शायद हम गुरुवार को बैंक में जाकर पैसे जमा कराएंगे।
भाजपा-टीएमसी में जंग
इस मामले को लेकर भाजपा और टीएमसी के बीच जंग छिड़ गई है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सुकांत मजूमदार ने एक वीडियो भी ट्वीट किया है, जिसमें परिजन 2000 के नोटों का बंडल पकड़े हुए बैठे हैं। मजूमदार ने मीडिया से बताया कि परिवारों को 2000 नोट के बंडल में 2 लाख रुपए का मुआवजा दिया गया था। हम सभी जानते हैं कि केंद्र सरकार ने 2000 के नोट वापस लेने शुरू कर दिए हैं। फिर इन परिवारों को ये नोट क्यों दिए गए? क्या टीएमसी इस तरह काले धन को वैध बनाने की कोशिश कर रही है? उन्होंने कहा कि इसकी जांच होनी चाहिए। हालांकि, टीएमसी ने पलटवार करते हुए कहा है कि 2000 रुपये के नोट केंद्र द्वारा पेश किए गए थे और अभी भी वैध हैं। टीएमसी प्रवक्ता कुणाल घोष ने भाजपा के आरोपों पर कहा कि यह बचकाना और निराधार है। 2000 रुपए के नोट किसने पेश किए? केंद्र में भाजपा की सरकार है। क्या 2000 रुपये का नोट अवैध है? बिल्कुल नहीं। आज भी यह कानूनी है। इस बात की जांच करने की जरूरत है कि क्या पैसे का हिसाब है। जो लोग पैसा दे रहे हैं, क्या वे मूर्ख हैं? उन्होंने सार्वजनिक रूप से इसकी घोषणा की है और इसे खुले तौर पर दिया गया है।
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