नई दिल्ली। पंजाब विधानसभा (Punjab Assembly) द्वारा बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र (BSF jurisdiction) को बढ़ाने वाली केंद्र की अधिसूचना को सर्वसम्मति से खारिज किए जाने के एक दिन बाद, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी (Manish Tiwari) ने शुक्रवार को पंजाब सरकार (Punjab government ) से सुप्रीम कोर्ट जाने (Move Supreme Court) को कहा।
अकाली दल के इस आरोप पर प्रतिक्रिया देते हुए कि उन्होंने अधिसूचना का समर्थन किया, कांग्रेस नेता ने कहा, “पंजाब सरकार को मेरी सलाह है कि आदेश को रद्द करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय में अनुच्छेद 131 के तहत एक मूल मुकदमा दायर किया जाए।”
पिछले हफ्ते, तिवारी ने अपनी ही सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था, “अब एक महीने के करीब हो गया है, केंद्र सरकार ने अधिसूचना द्वारा पंजाब में बीएसएफ ऑपरेशनल रेमिट को 50 किलोमीटर तक बढ़ा दिया है। अब तक पंजाब सरकार द्वारा अधिसूचना को अनुच्छेद 131 के तहत चुनौती क्यों नहीं दी गई है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय में क्या इसका विरोध केवल सांकेतिकवाद है?”
मुख्यमंत्री चरणजीत चन्नी ने गुरुवार को सदन को बताया कि यह ‘दुर्भाग्यपूर्ण’ है कि शिरोमणि अकाली दल ने श्री आनंदपुर साहिब प्रस्ताव के अलावा ‘सब कुछ राजनीति के संकीर्ण चश्मे के माध्यम से देखा’। उन्होंने कहा, “मैंने उनसे कभी भी राज्य में बीएसएफ के अधिकार क्षेत्र को बढ़ाने के लिए नहीं कहा, जिस पर मुझ पर झूठा आरोप लगाया जा रहा है। मैं भारत सरकार के इस कदम का कड़ा विरोध करता हूं।”
सीमा सुरक्षा बल अधिनियम, 1968 की धारा 139 केंद्र को समय-समय पर सीमा बल के संचालन के क्षेत्र और सीमा को अधिसूचित करने का अधिकार देती है।
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