दुबई। आईपीएल 2021 अपने अंजाम तक पहंचने वाला है। आज होने वाले फाइनल से आईपीएल को उसके 14वें सीजन का चैंपियन मिल जाएगा। फाइनल में चेन्नई सुपर किंग्स और कोलकाता नाइट राइडर्स की टीम आमने सामने है। यह मुकाबला इसलिए भी खास है क्योंकि यह सिर्फ आईपीएल की दो कट्टर प्रतिद्वंदियों के बीच ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट के दो सबसे सफल कप्तानों के बीच भी टक्कर है।
महेंद्र सिंह धोनी चेन्नई सुपर किंग्स और इयोन मॉर्गन कोलकाता नाइट राइडर्स की कमान संभालते दिखेंगे। यह दोनों अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में अपनी-अपनी टीमों को विश्व कप का खिताब भी दिला चुके हैं। धोनी ने जहां टीम इंडिया को 2011 में विश्व कप जिताया था। वहीं, मॉर्गन इंग्लैंड को 2019 विश्व कप जिता चुके हैं। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि दोनों में से कौन अपनी टीम को आईपीएल चैंपियन बनाता है।
बतौर कप्तान आईपीएल में रिकॉर्ड की बात करें तो धोनी ने 2008 से लेकर अब तक 212 मैचों में सीएसके की कप्तानी की है। इसमें से 129 मैचों में टीम को जीत मिली। वहीं, 81 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। एक मैच टाई और एक मैच का कोई नतीजा नहीं निकला। यानी धोनी के रहते सीएसके के जीत का प्रतिशत 61.37 है। धोनी सीएसके को तीन बार (2010, 2011 और 2018) आईपीएल चैंपियन भी बना चुके हैं। इसके अलावा टीम 2008, 2012, 2013, 2015 और 2019 में फाइनल में पहुंच चुकी है।
वहीं, मॉर्गन की बात करें तो उन्हें पिछले सीजन ही कोलकाता का कप्तान बनाया गया है। 2020 में केकेआर के खराब प्रदर्शन के बाद दिनेश कार्तिक से कप्तानी छीन ली गई थी और मॉर्गन को सौंप दी गई थी। मॉर्गन की कप्तानी में केकेआर ने 23 मैच खेले हैं। इसमें से 11 में टीम को जीत मिली और इतने ही मैचों में हार का सामना करना पड़ा। एक मैच टाई रहा। यानी मॉर्गन के रहते केकेआर के जीत का प्रतिशत 50 है।
कोलकाता की टीम दो बार (2012 और 2014) आईपीएल फाइनल में पहुंची है और दोनों बार चैंपियन बनी है। यानी कोलकाता की टीम जब भी फाइनल में पहुंचती है, तो ट्रॉफी जीतकर ही वापस लौटती है। हालांकि, उन्हें यह जीत गौतम गंभीर के कप्तान रहते हुए मिली थी। गंभीर अब रिटायर हो चुके हैं। ऐसे में टीम को जिताने का पूरा दारोमदार मॉर्गन पर ही होगा। इस सीजन अब तक उन्होंने इस जिम्मेदारी को बखूबी निभाया भी है।
भारत में हुए आईपीएल 2021 के पहले फेज में टीम का प्रदर्शन कुछ खास नहीं रहा था। टीम ने सात में से सिर्फ दो मैच जीते थे। दूसरे फेज में टीम ने अब तक नौ में से सात मैच जीते हैं। पिछले लगातार चार मैच जीतने के बाद टीम आत्मविश्वास से भरी है। 2012 आईपीएल के फाइऩल में चेन्नई और कोलकाता की टीम आमने-सामने आ चुकी है। तब केकेआर को कामयाबी मिली थी। ऐसे में देखने वाली बात होगी कि केकेआर नौ साल पहले का इतिहास दोहरा पाता है या चेन्नई इस बार बदला लेने में कामयाब हो पाएगी।
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