देवभूमि उत्तराखंड में पिछले 24 घंटे में जो सियासी भूचाल चल रहा था, अब वह थमने की ओर है। त्रिवेंद्र सिंह रावत के इस्तीफे के बाद अब तीरथ सिंह रावत राज्य के नए मुख्यमंत्री होंगे। बुधवार को देहरादून में भारतीय जनता पार्टी के विधायक दल की बैठक हुई, इस दौरान नए मुख्यमंत्री का नाम सामने आया। माना जा रहा है कि नए मुख्यमंत्री बुधवार शाम को ही शपथ ले सकते हैं।
तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र से सांसद हैं। वह उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष भी रह चुके हैं, अभी बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव हैं। गौरतलब है कि देवभूमि उत्तराखंड में सियासत बहुत ही तेज़ी से अपना रुख बदल रही है। पार्टी विधायकों द्वारा व्यक्त की गई नाराज़गी के बाद मंगलवार को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। जिसके बाद अब नए मुख्यमंत्री का ऐलान किया गया है।
उत्तराखंड के बड़े अपडेट:
गढ़वाल के सांसद तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड के नए मुख्यमंत्री होंगे। खुद त्रिवेंद्र सिंह रावत ने विधायक दल की मीटिंग में इसका ऐलान किया।
उत्तराखंड के नया मुख्यमंत्री कौन होगा, अभी ये तय नहीं है। लेकिन बताया जा रहा है कि आज शाम चार बजे ही शपथ ग्रहण समारोह हो सकता है। केंद्रीय मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक, राज्य सरकार में मंत्री सतपाल महाराज मंत्री पद की रेस में हैं।
देहरादून में भाजपा विधायक दल की बैठक शुरू हो गई है। त्रिवेंद्र रावत, रमन सिंह, दुष्यंत गौतम जैसे बड़े नेता, सभी विधायक और सांसद मीटिंग में मौजूद हैं।
बीजेपी सांसद अजय भट्ट ने सीएम पद की रेस में नाम आने पर कहा कि पार्टी जो काम देगी, वह वो करेंगे। लेकिन वो किसी रेस में शामिल नहीं हैं।
केंद्रीय पर्यवेक्षक रमन सिंह ने बुधवार सुबह त्रिवेंद्र सिंह रावत से मुलाकात की। अब से कुछ देर में नए मुख्यमंत्री का फैसला होना है, त्रिवेंद्र रावत ने मीटिंग से पहले कहा कि मैं पार्टी का कार्यकर्ता हूं, जो आदेश होगा वो सभी मानेंगे।
त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सौंपा था इस्तीफा
पिछले करीब तीन दिनों से उत्तराखंड की राजनीति में हलचल चल रही थी। त्रिवेंद्र सिंह रावत भी दिल्ली में नेताओं के घर-घर जा रहे थे, लेकिन बीते दिन देहरादून पहुंचकर उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
त्रिवेंद्र सिंह रावत से जब प्रेस कॉन्फ्रेंस में कारण पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ये जानने के लिए आपको दिल्ली जाना पड़ेगा। बता दें कि त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व पर कई विधायकों ने सवाल उठाए थे और अगले चुनाव में नुकसान होने की बात कही थी।
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