नई दिल्ली: अरब सागर से उठ रहे चक्रवाती तूफान ‘बिपरजॉय’ को लेकर भारतीय मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है. यह तूफान अति प्रचंड रूप ले सकता है जिसका अलर्ट लगातार मौसम विभाग दे रहा है. इस तूफान को लेकर हाई लेवल मीटिंग हो चुकी है और इस पर प्रधानमंत्री खुद नजर रखे हुए है. इसका सबसे ज्यादा प्रभाव सौराष्ट्र कच्छ को होगा, गुजरात के 8 जिले ऐसे हैं जो इस वक्त हाई अलर्ट पर हैं.
मौसम विभाग के महानिदेशक एम महापात्रा ने मंगलवार (13 जून) को इस तूफान के बारे में कुछ अहम जानकारियां दी हैं. जिसके मुताबिक 15 जून को शाम के वक्त यह हिट करेगा. कच्छ पर इसका सबसे ज्यादा प्रभाव होगा, 15 जून को तट के पास इसकी रफ्तार 125-135 किमी प्रति घंटे की होगी. फिलहाल, अरब सागर से यह तूफान 8 किमी प्रति घंटे की गति के साथ लगभग उत्तर पश्चिम दिशा की ओर बढ़ रहा है.
चक्रवाती तूफान 13 जून की मध्यरात्रि तक लगभग उत्तर दिशा की ओर बढ़ने, तत्पश्चात उत्तर-उत्तरपूर्व दिशा की ओर बढेगा. यह देवभूमि द्वारका से 290 किमी पश्चिम-दक्षिण पश्चिम, पोरबंदर से 320 किमी पश्चिम-दक्षिणपश्चिम, जखाऊ बंदरगाह से 320 किमी दक्षिणपश्चिम, नलिया से 330 किमी दक्षिणपश्चिम और कराची (पाकिस्तान) से 440 किमी दक्षिण में स्थित था.
चक्रवात बिपारजॉय के मांडवी (गुजरात) और कराची (पाकिस्तान) के बीच जखाऊ बंदरगाह के पास सौराष्ट्र-कच्छ और उससे सटे पाकिस्तान के तटों को पार करने की उम्मीद है. आज से तट से लगे इलाकों में हवा की गति बढ़ गई है. सौराष्ट्र-कच्छ कॉस्ट में भी आज से हवा की रफ्तार बढ़ जाएगी, जो कि 50- 60 किमी प्रति घंटे होगी. कल यानी 14 जून को इसकी गति 85 किमी प्रतिघंटे की होगी.
इस प्रचंड तूफान को देखते हुए मौसम विभाग की तरफ से तटीय इलाकों में नुकसान की आशंका भी जताई जा रही है. जिस गति का यह तूफान हो सकता है उस हिसाब से पेड़ गिर सकते है, कच्चे मकान गिर सकते है, टीन के मकानो को नुकसान, टेलीकॉम और रेलवे का काम भी प्रभावित हो सकता है. मोरबी, द्वारका, जामनगर, राजकोट, पोरबंदर मे भारी बारिश और 15 जून को अत्यधिक भारी वर्षा के अनुमान है. जिसके कारण लो लाइन वाले इलाकों में फ्लड भी हो सकता है.
मौसम विभाग के मुताबिक, गिर फारेस्ट, सोमनाथ मंदिर और बहुत सारे टूरिस्ट स्पॉट पर नजर रखनी होगी. और खासतौर से मछुआरों के लिए अलर्ट दिया गया है सभी को तट से दूर रहने के लिए कहा गया. सरकार इसको लेकर समीक्षा बैठक कर चुकी है. एनडीआरएफ इस तूफान से निपटने के लिए अपनी पूरी तैयारी में है. तूफान के कारण विजिबिलिटी में भी कमी आ सकती है क्योंकि तेज हवाओ से साल्ट स्प्रे होगा जिनसे विजिबिलिटी में कमी आएगा.
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