- एक साल पहले सरकार ने नियम जारी कर काउंटर में रखी मिठाई के साथ लिखना अनिवार्य किया था
उज्जैन। त्यौहारी सीजन में एक बार फिर मिठाई बाजार में भी उठाव आने लगा है। अगले महीने के पहले हफ्ते में ही दीपावली आ रही है। उस दौरान मिठाईयों की माँग और बढ़ जाएगी लेकिन शहर की अधिकांश मिठाई की दुकानों पर सरकार के नए नियम का पालन नहीं किया जा रहा। इसके अनुसार काउंटरों में रखी मिठाई के साथ उपयोग समय-सीमा लिखना अनिवार्य किया गया था। शहर में छोटी-बड़ी मिठाई की कुल मिलाकर करीब 200 से अधिक दुकानें है। जिनसे ग्राहक रोज मिठाई खरीदते है। पिछले साल दीपावली के पहले केन्द्र सरकार ने एक नियम अनिवार्य किया था जिसके तहत मिठाई के काउंटर में मिठाई के साथ-साथ उसके उत्पादन की तिथि और कितने दिन तक उपयोग किया जा सकता है इसकी जानकारी मिठाई दुकानदार को लिखना अनिवार्य किया गया था।
अलग-अलग मिठाईयों के लिए उपयोगिता के लिए अलग-अलग अवधि होती है। इस अवधि के नियम को दुकानदार को मानना सुनिश्चित किया गया था। जानकारों के अनुसार जैसे की छैना की मिठाई, रसगुल्ले, बंगाली मिठाई की 48 घंटे, बेसन के लड्डू 15 दिन, मावे की मिठाई 3 दिन में उपयोग में लेना चाहिए लेकिन देखने में यह आता है कि कई मिठाईयों की दुकान पर 10 से 15 दिन पुरानी मावे की मिठाईयां भी बेची जाती है और ऐसे में फूड पाइजेनिंग और अन्य बीमारियां का ग्राहकों को खतरा रहता है। इसी के चलते पिछले साल केन्द्र सरकार ने यह नया नियम बनाया था। हालांकि उस दौरान कई दुकानदारों ने काउंटर में रखी मिठाई के साथ उसकी उपयोगिता की तारीफ के टेग लगाना शुरु कर दिए थे लेकिन उसके बाद धीरे-धीरे इस नियम को मानना ज्यादातर दुकानदारों ने छोड़ दिया है।