नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनाव (UP Election 2022) के छह चरण के मतदान हो चुके हैं. अंतिम चरण के मतदान से पहले भारतीय किसान यूनियन (BKU) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत (Rakesh Tikait) ने कहा है कि, अगर ईमानदारी से परिणाम आए तो इस बार बीजेपी को काफी नुकसान होगा.
यूपी विधान सभा चुनाव के सातवे और अंतिम चरण की वोटिंग 7 मार्च को कराई जाएगी, इस दौर में 54 सीटों पर मतदान हो रहा है, जिनपर 613 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं. सातवें दौर में 2 करोड़ 6 लाख मतदाता है. इनमें 1 करोड़ 10 लाख पुरुष और 96 लाख महिला मतदाता हैं. इस दौर में 1017 तीसरे लिंग वाले मतदाता भी हैं.
ईमानदारी से होगा बड़ा नुकसान
सातवें चरण से पहले किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि, BJP को छह चरणों में ईमानदारी का नुकसान है, यदि बेईमानी करते हैं तो कम नुकसान होगा, सरकार से लोग नाराज हैं. हालांकि आंकड़ा नहीं बता सकता लेकिन काफी नुकसान है.
बीजेपी की सरकारी यूनिवर्सिटी जो नागपुर में है, वह बीजेपी हारे हुए छात्रों को भी जीत का सर्टिफिकेट दे देते हैं. इस बार भी जो प्रत्याशी हार जाएगा, उसे जीत का सर्टिफिकेट दिया जाएगा, क्योंकि इससे पहले भी ऐसा हो चुका है. हम बीजेपी नेताओं से बात नहीं करते, लेकिन सरकार से बात करना चाहते जो वह करते नहीं.
देश की सीमा और खेती की पहरेदारी के अलावा वोट की पहरेदारी के लिए भी तैयार रहें किसान। छलिया नेताओं का कोई भरोसा नहीं। @UP_ELECTION @ANI, @PTI @NDTV @news24tvchannel pic.twitter.com/DoqF9ckxlI
— Rakesh Tikait (@RakeshTikaitBKU) March 5, 2022
अंतिम दौर में यहां पर वोटिंग
उन्होंने आगे कहा कि, किसान किसी को समर्थन नहीं दे रहा, किसान सिर्फ आंदोलन से जिंदा रहेगा. जिस राज्य में किसानों का आंदोलन मजबूत रहेगा, वही किसान सर्वाइव कर सकता है. विधान सभा चुनाव में बीजेपी, सपा, बसपा और कांग्रेस लगातार जनता के बीच उतर वोट मांग रही है. वहीं अपने विरोधियों पर जमकर निशाना भी साध रही है. अंतिम दौर के चुनाव में आजमगढ़, वाराणसी और विंध्याचल मंडल के 9 जिलों में मतदान कराया जाएगा.
आखिरी चरण के होने वाले मतदान की 54 सीटों में से साल 2017 के विधानसभा चुनाव में 29 सीटें बीजेपी ने, 11 सीटें सपा ने, 6 सीटें बसपा ने, 3 सीटें सुभासपा ने और निषाद पार्टी ने 1 सीट जीती थी. सुभासपा ने पिछला चुनाव बीजेपी के साथ मिलकर लड़ा था. इस बार वह सपा के साथ मिलकर लड़ रही है, वहीं निषाद पार्टी ने पिछला चुनाव अकेले लड़ा था. जो कि अब बीजेपी की गठबंधन सहयोगी है.
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved