इंदौर। इंदौर (Indore) के कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय (Kamala Nehru Zoological Museum) में बंगाली बाघिन ‘जमुना’ (Bengali tigress ‘Jamuna’) ने तीन शावकों को जन्म दिया है। एक बार फिर चिड़ियाघर (Zoo) में किलकारियां गूंजने की वजह से इंदौर जू प्रबंधन काफी खुश है। नन्हें मेहमानों को देखने के लिए इंदौर के लोगों में काफी उत्साह है। बाघिन जमुना तीनों बच्चों का खास ख्याल रख रखी है। जू के विजिबल क्षेत्रों में उसे बच्चों के साथ देखा जा सकता है। इससे पहले भी बाघिन ‘जमुना’ पांच बार बच्चों को जन्म दे चुकी है। गौरतलब है कि इंदौर में प्रदेश का सबसे बड़ा व सबसे पुराना कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय है जो 1974 में शुरू हुआ था।
अब प्राणी संग्रहालय में विडाल परिवार के कुल 21 सदस्य हो गए हैं। इंदौर प्राणी संग्रहालय में बंगाली टाइगर की संख्या बढ़कर 11 पहुंच गई है। बात की जाए लायन फैमिली की तो उसके 10 सदस्य इंदौर प्राणी संग्रहालय में है। इंदौर जू में एनिमल एक्सचेंज प्रोग्राम के तहत भी कई नए जानवर आ चुके हैं। अब अफ्रीकन जेब्रा का एक जोड़ा भी आने वाला है। जिसके आने के बाद इंदौर का कमला नेहरू प्राणी संग्रालहय प्रदेश का पहला ऐसा चिड़ियाघर होगा जिसमें पर्यटक जेब्रा को निहार सकेंगे।
प्रदेश के किसी भी चिड़ियाघर में अभी तक अफ्रीकन जेब्रा का जोड़ा नहीं हैं। अफ्रीकन जेब्रा का यह जोड़ा मुंबई के वीरमाता जीजाबाई भोसले चिड़ियाघर से इंदौर लाया जाना है। इसके लिए इंदौर जू में लगभग सभी तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। अब बस मुंबई जू से ग्रीन सिग्नल मिलने का इंतजार है।
इंदौर का जू देश के 192 मान्यता प्राप्त चिड़ियाघरों में से शामिल है। सेंट्रल जू अथॉरिटी के नियमों के हिसाब से जू की चार कैटेगरी मिनी, स्मॉल, मीडियम और लार्ज होती हैं। इंदौर का कमला नेहरू प्राणी संग्रहालय स्मॉल कैटेगरी में आता है। संग्रहालय पहले 17 एकड़ में फैला था, लेकिन 1999 में आसपास के कैदी बाग की 34 एकड़ भूमि का अधिग्रहण कर लिए जाने के बाद इसका क्षेत्रफल बढ़कर 51 एकड़ हो गया है।
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