भोपाल।कान्हा प्रबंधन (Kanha Management) द्वारा बुधवार दोपहर 12.05 बजे घोरेला बाघ बाड़े में विचरण करने वाली मादा बाघ सुंदरी को वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भोपाल के लिये रवाना किया। इस बाघिन को आज कान्हा एवं पेंच टाईगर रिजर्व के वन्य-प्राणी (Kanha Management) चिकित्सकों एवं अधिकारियों द्वारा निश्चेत कर उसके शरीर के आवश्यक माप रिकार्ड किए गए तथा स्वास्थ्य परीक्षण किया गया।
सतकोसिया टाईगर रिजर्व उड़ीसा में बाघ स्थापना कार्यक्रम में वर्ष 2018 में बांधवगढ़ से एक बाघिन को सतकोसिया भेजा गया था। कुछ अवांछित घटनाओं के बाद बाघिन को क्षेत्रीय नागरिकों की सुरक्षा के दृष्टिकोण से सतकोसिया टाईगर रिज़र्व में दो वर्ष तक बाड़े में रखा गया था। भारत सरकार राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण, नई दिल्ली द्वारा बाघ स्थापना कार्यक्रम की समीक्षा के बाद कार्यक्रम को स्थगित करते हुए स्थानांतरित बाघिन को मध्यप्रदेश वापस करने के निर्देश दिये गये।
इस संबंध में एक याचिका मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय में प्रस्तुत होने पर उच्च न्यायालय के आदेशानुसार बाघिन को कान्हा टाईगर रिजर्व मण्डला में वन्य-जीवन में पुन: प्रशिक्षित करने के लिए निर्देशित किया गया। बाघिन को 24 मार्च 2021 को वन क्षेत्र में पुर्नस्थापना हेतु प्रशिक्षित करने के लिए सतकोसिया से लाकर कान्हा टाईगर रिजर्व, मण्डला के मुक्की परिक्षेत्र के घोरेला बाघ बाड़ा में रखा गया था। बाघिन सुंदरी के द्वारा शिकार करने की प्रवृति अंगीकार की गयी, परन्तु उसका मनुष्यों के समीप जाने का व्यवहार परिवर्तित न बदलने पर मुक्त वन क्षेत्र में छोड़ा जाना सुरक्षित नहीं होने से मुख्य वन्य-जीव अभिरक्षक द्वारा इसे वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, भोपाल स्थानांतरित करने के आदेश दिये गये। आज की कार्यवाही इसी संदर्भ में हुई।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved