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    पुष्प विहार पर भी कसा शिकंजा, संचालकों को थमाए नोटिस

  • February 04, 2021


    कलेक्टर के निर्देश पर 82 एकड़ मजदूर पंचायत गृह निर्माण संस्था की जांच फिर से शुरू… दो हजार फाइलें भी हैं जब्त
    इंदौर। शहर के चर्चित भूमाफियाओं के खिलाफ नए सिरे से की गई जांच-पड़ताल के चलते प्रशासन के निर्देश पर सहकारिता विभाग ने मजदूर पंचायत गृह निर्माण की चर्चित और विवादित कालोनी पुष्प विहार पर भी शिकंजा कसा है, जिसके चलते 5 संचालकों को नोटिस थमाए गए हैं। पूर्व में संचालक मंडल भंग कर दिया था, मगर अपील के बाद बहाल हो गया था। 82 एकड़ से अधिकसंस्था की जमीन पर भी जमकर घोटाले किए गए हैं और प्राधिकरण की पुरानी योजना 132 और बाद में लागू की गई 171 में ये जमीनें शामिल रही हैं। कुछ समय पूर्व संस्था ने खातीवाला टैंक स्थित दफ्तर पर छापा मारकर दो हजार से अधिक फाइलें जब्त भी की थी।


    मजदूर पंचायत गृह निर्माण संस्था में माफिया के ही मोहरे संचालक मंडल में अध्यक्ष सहित अन्य पदों पर काबिज रहे हैं। 2012 में हुए चुनाव में जो संचालक मंडल निर्वाचित हुआ था वह पुन: 15.08.2017 के निर्वाचन में भी चुना गया। वर्तमान में संस्था अध्यक्ष अनिल अमृतलाल चौहान हैं और संचालकों में प्रेमशंकर दीक्षित, मिथुन करोसिया, जावेद शफी अहमद, श्रीमती रानी लश्करी के अलावा विक्की जेठवानी, महेश नेमीचंद खंडेलवाल, कमल चोरडिय़ा, राजेन्द्र तिवारी और सूरज साखान शामिल हैं। इनमें से 5 संचालकों को नोटिस जारी किए गए हैं। सहकारिता विभाग के उपरजिस्ट्रार मदन गजभिये ने बताया कि जिन 5 संचालकों को नोटिस दिए हैं उनमें जेठवानी, खंडेलवाल, चोरडिय़ा, तिवारी के अलावा साखान शामिल हैं। संस्था द्वारा जो पूर्व के वर्ष में ऑडिट करवाया गया उसमें कई तरह की गड़बडिय़ां सामने आई है। 1800 अधिक सदस्यों की बजाय साढ़े 3 हजार तक सदस्य बना लिए गए हैं। ग्राम खजराना की 4.82 एकड़ जमीन सीलिंग में होकर प्राधिकरण की योजना में भी शामिल है, जिस पर सदस्यों को भूखंड दिए जाना संभव नहीं है। वहीं खजराना में संस्था ने 82.42 एकड़ जमीनें खरीदी थी, उसमें से भी 72.72 एकड़ पर ही अभिन्यास अनुमोदित करवाया गया और शेष जमीन पर अभिन्यास ना करवाने से भी कई सदस्यों को विकसित भूखंड नहीं मिल सके। प्राधिकरण की योजना में शामिल होने के बावजूद 5 लाख रुपए से अधिक की राशि संस्था की जमीन पर ऑफिस निर्माण में खर्च करना बताई गई। मध्यप्रदेश सहकारी सोसायटी अधिनियम 1960 की धारा 53-बी/ख (2) के अंतर्गत नोटिस जारी कर 15 दिन में जवाब मांगा है। श्री गजभिये ने पांचों संचालकों को कल ही ये नोटिस जारी किए हैं। उल्लेखनीय है कि कलेक्टर मनीष सिंह ने कई चर्चित और विवादित गृह निर्माण संस्थाओं की जांच नए सिरे से शुरू करवाई है, जिसमें यह मजदूर पंचायत गृह निर्माण संस्था भी शामिल है। पूर्व में भी प्रशासन ने खातीवाला टैंक स्थित संस्था के कार्यालय पर छापा डालकर दो हजार से अधिक फाइलें जब्त की थी, जिन्हें 67 बस्तों में बांधकर लाया गया और 21 बोरे जिला कोषालय में जमा करवाए गए हैं, जिनकी भी अब पड़ताल की जाएगी। पुलिस ने संदीप रमानी को गिरफ्तार कर ये दस्तावेज प्रशासन की सहायता से जब्त करवाए थे।

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