नई दिल्ली (New Delhi) । भारत (India) में होने जा रहे जी-20 समिट (G-20 Summit) के लिए दिल्ली में अभूतपूर्व सुरक्षा कवच तैयार हो गया है। सेना (Army) ने सोमवार को सुरक्षा व्यवस्था (security system) की कमान संभाल ली। वहीं, जैविक हमले जैसे खतरों से निपटने के लिए भी अस्पताल में आपात ब्लॉक तैयार किया गया है। आपातस्थिति के लिए कई दिन से सुरक्षा एजेंसियां मॉक ड्रिल कर रही हैं। राजधानी में अहम स्थानों की सुरक्षा के मद्देनजर लड़ाकू विमान (Fighter aircraft), रडार (radar) और एंटी-ड्रोन सिस्टम (anti-drone systems) तैनात किए गए हैं। सेना ने सभी एजेंसियों के साथ समन्वय के लिए ऑपरेशन डायरेक्शन सेंटर (ओडीसी) भी स्थापित कर लिया है।
कड़ा प्रशिक्षण दिया
सेना समेत सुरक्षा से जुड़ी सभी एजेंसियों को किसी भी संभावित खतरों से कैसे बचाव करना है, उसे लेकर बेहद कड़ा प्रशिक्षण दिया गया है। सेना के विशेष कमांडो दस्ते और दूसरी यूनिट के कमांडो को ड्रोन, मिसाइल और 9/11 जैसे विमान हमलों को लेकर क्या-क्या सावधानियां बरतनी हैं और इस दौरान फंसे लोगों को कैसे सुरक्षित स्थान तक पहुंचाना है, इसके लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। सुरक्षा एजेंसियां अलर्ट मोड पर हैं।
स्पेशल कमिश्नर रैंक के अफसर को जिम्मा
बैठक के दौरान सुरक्षा जिम्मेदारियों को सात डोमेन और एरिया में बांटा गया है। इसमें हवाई अड्डा, आयोजन स्थल, मेहमानों के रुकने वाली जगह, राजघाट, वीआईपी काफिले की सुरक्षा का प्रबंधन, आतंक विरोधी उपाय और कानून व्यवस्था शामिल हैं। इनमें से हर एक का नेतृत्व वेन्यू कमांडर करेगा, जो स्पेशल कमिश्नर रैंक का अधिकारी होगा। इस दौरान एडिशनल डीसीपी और डीसीपी रैंक के अधिकारी भी शामिल होंगे। इन अधिकारियों को अलग-अलग रंग की वर्दी भी दी गई है। कुछ नीले सूट पहनेंगे तो कुछ उसी रंग के सफारी सूट में होंगे।
विशेष प्रशिक्षित कमांडो निगरानी में तैनात
सूत्रों के मुताबिक, वीआईपी काफिले की सुरक्षा के लिए एक हजार विशेष जवानों की टीमें तैयार की गई हैं। इस सुरक्षा दल में कोई भी सामान्य कर्मचारी नहीं है। इनमें वे सभी जवान शामिल किए गए हैं, जो पूर्व में वीआईपी सुरक्षा का हिस्सा रह चुके हैं। सूत्रों के अनुसार, ये वे कमांडो हैं जो कभी न कभी एसपीजी और एनएसजी जैसी सुरक्षा यूनिटों के साथ काम कर चुके हैं। विदेशी राष्ट्राध्यक्षों और सरकार के प्रमुखों के वीआईपी रूट्स के कारकेड में ये जवान चलेंगे। साथ ही, ये ठहरने के स्थान तक की सुरक्षा का पूरा दायित्व संभालेंगे।
हर आपात स्थिति से निपटने के इंतजाम
सोमवार को राजधानी के विभिन्न इलाकों में सुरक्षा तैयारियां जांची गईं। इस दौरान एक कॉल कर सुरक्षा ऑपरेशन में तैनात कमांडो द्वारा हमलावरों से लोहा लेने की तकनीक की जांच की गई। वहीं, आपात स्थिति में फंसे अतिविशिष्ट लोगों को किस तरह सुरक्षित लेकर सुरक्षित स्थान ले जाना है, इसकी बारीक जांच के लिए डमी का इस्तेमाल कर हेलीकाप्टर के जरिये रेस्क्यू ऑपरेशन किया गया।
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