इंदौर, प्रदीप मिश्रा। इस साल इंदौर वन मण्डल के अधीन जंगलों में बाघ-तेंदुओं सहित अन्य वन्यजीवों ने 89 पशुओं सहित 1 ग्रामीण की जान ले ली, वहीं आदमखोर जानवरों ने 2 लोगों को घायल कर दिया। इन घटनाओं के चलते इंदौर के जंगलों में वन्यजीवों का खौफ और खतरा बना हुआ है। आदमखोर जानवरों और वन्यजीवों के शिकार और हमले की कीमत वन विभाग को मुआवजा बांटकर चुकाना पड़ रही है। इंदौर वन विभाग को मारे गए पशुओं के सभी मालिकों को 5 लाख 99 हजार 800, वहीं मृतक के परिजनों को 8 लाख और वन्यजीवों के हमले में घायल 2 लोगों को 66,220 रुपए का मुआवजा देना पड़ा। इस तरह साल 2019 से लेकर साल 2023 तक वन विभाग 60 लाख रुपए से ज्यादा का मुआवजा दे चुका है।
दो जान ले ली आदमखोरों ने
इंदौर वन विभाग की महू रेंज में पिछले महीने आदमखोर बाघ ने मेंडली गांव के अधेड़ की जान ले ली। उसके परिजन को मुआवजे में 8 लाख रुपए दिए गए। पहले वन्यजीव के हमले में मारे गए मृतक के परिजनों को सिर्फ 4 लाख रुपए दिए जाते हैं, मगर इस साल सरकार ने मृतक की मुआवजा राशि 8,00,000 रुपए कर दी। साल 2019 -2020 से 2022-2023 तक आदमखोर वन्यजीवों ने 2 लोगों की जान ली है। इसके बदले वन विभाग ने 12 लाख रुपए की मुआवजा राशि चुकाई है।
89 पशुओं का भी शिकार
बाघ, तेंदुआ सहित जंगली सूअर, लकड़बग्घा जैसे वन्यजीवों ने इस साल 2022-23 में 89 पशुओं का, वहीं 2019-2020 से लेकर 2922-23 तक, यानी 4 सालों में 464 मवेशियों का शिकार किया है। इस कारण इस साल 89 पशुओं के शिकार की वजह से उनके मालिकों को 5 लाख 99 हजार 800 रुपए का मुआवजा देना पड़ा।
47 लाख से ज्यादा मुआवजा
इस तरह पिछले 4 सालों में मारे गए 464 पशुओं के लिए उनके दावेदार मालिकों को वन विभाग इंदौर द्वारा 47 लाख 35 हजार रुपए का मुआवजा देना पड़ा।
घायलों को मुआवजा
वन्यजीवों के हमले से इस साल 2 को, वहीं 4 सालों में 5 घायलों को कुल 2 लाख 76 हजार 540 रुपए का मुआवजा देना पड़ा। इस साल 2 घायलों को 66,220 रुपए इलाज के लिए दिए गए। चार सालों में वन्यजीवों द्वारा मारे गए 464 पशुओं के मालिकों और 5 घायलों के अलावा आदमखोर जानवरों का शिकार बने 2 लोगों के परिजनों सहित सभी को वन विभाग इंदौर ने संयुक्त रूप से कुल 62 लाख 77 हजार 840 रुपए का मुआवजा दिया गया। नरेंद्र पंडवा, डीएफओ, इंदौर
साल पशु संख्या मुआवजा
2020 114 13,06,000
2021 134 13,41,300
2022 127 8,88,400
2023 89 5,99, 800
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