भोपाल। मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal, the capital of Madhya Pradesh) में एक बार फिर तेंदुए ने शहर में दस्तक दी है। यह तेंदुआ केरवा और कलियासोत डैम (Kerwa and Kaliasot Dam) के पास स्थित भोज विश्वविद्यालय के परिसर (Bhoj University Campus) तक आ गया। तेंदुआ परिसर में स्थित कुलपति जयंत सोनवलकर (Vice Chancellor Jayant Sonwalkar) के बंगले तक पहुंच गया। कुछ समय पहले भी एक तेंदुआ इसी स्थान तक आ चुका है। शनिवार को दिनभर मशक्कत के बावजूद यह तेंदुआ नहीं मिल पाया है।
बंगले की पीछे की टूटी हुई दीवार से टाइगर कुलपति के बंगले तक पहुंचा। वन विभाग (Forest department) की टीम ने कुलपति के बंगले से पग मार्क लिए लेकर सर्चिंग की। सीसीटीवी फुटेज के आधार पर यहां टाइगर की मौजूदगी की पुष्टि हुई है। 2 साल में बाद यह दूसरी बार है जब टाइगर बंगले तक आ पहुंचा है। भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति जयंत सोनवलकर हैं। बाघ इन्हीं के बंगले के कैंपस में देखा गया। उनका कहना है बंगले के बाहर गार्ड नाइट ड्यूटी में थे। उसी दौरान गार्ड को पीछे से गुर्राने जैसी आवाज आई।
गार्ड को लगा कि कोई कुत्ता होगा। पीछे जाकर देखा तो टाइगर या तेंदुआ (tiger or leopard) जैसा नजर आया। फौरन इसकी सूचना पुलिस और वन विभाग को दी गयी। घर के दरवाजे के पीछे पग मार्ग भी मिले थे। वन विभाग की टीम ने सुबह घर की सर्चिंग की। घर में लगे सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद वन विभाग ने टाइगर के घर के कैंपस में घुसने की पुष्टि की है। सीसीटीवी फुटेज (cctv footage) टाइगर यूनिवर्सिटी के कैंपस तक पहुंच रहे हैं।
भोज मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति जयंत सोनवलकर का कहना है 2 साल पहले एक बाघिन बंगले के कैंपस तक पहुंच गयी थी। तब बंगले की पीछे की दीवार 13 फीट थी। दीवार फांद कर ही बाघिन अंदर घुसी थी। उसके बाद दीवार की ऊंचाई बढ़ाकर 15 फीट करवा दी गयी थी। ये दीवार बीच में टूट गयी है। इसी रास्ते से बाघ कैंपस में आसानी से घुस आया। कुछ दिन पहले तेंदुए ने कोलार रोड स्थित चूना भट्टी (Lime Bhatti on Kolar Road) के पास स्वर्ण जयंती पार्क में दस्तक दी थी। पार्क में सैर करने वालों की सुरक्षा की दृष्टि से यहां आवागमन बंद कर दिया गया था। स्वर्ण जयंती पार्क में सीसीटीवी कैमरे लगाए गए थे. वन विभाग ने लगातार तेंदुए की तलाश की लेकिन वो कहीं नहीं मिला था।
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