भोपाल। भाजपा के उम्मीदवारों की सूची जारी करने के बाद अब कांग्रेस ने भी अपनी तैयारी तेज कर दी है। कांग्रेस स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक 2 सितंबर से आयोजित की गई है। इसमें प्रत्याशियों के नामों पर मुहर लगने के बाद पार्टी प्रदेश की आधे से ज्यादा सीटों पर अपने प्रत्याशियों के नाम का एलान कर सकती है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि जिन विधायकों की परफॉर्मेंस खराब होगी उनका टिकट कटना तय है। माना जा रहा है कि कांग्रेस के 95 में से 70-75 विधायकों को टिकट मिलना तय माना जा रहा है।
जानकारों का कहना है कि चुनाव समिति ने लगभग 100 सीटों पर नामों पर सहमति बना ली गई है। सूत्रों की माने तो इनमें अधिकांश पार्टी के मौजूदा विधायकों के नाम है। सूत्रों की माने तो सूची में 15-20 मौजूदा विधायकों के स्थान पर नए चेहरों के नाम शामिल किए गए है। प्रदेश कांग्रेस चुनाव समिति की बैठक में 100 विधानसभा सीटों के लिए पार्टी उम्मीदवारों के नामों पर सहमति बनाएं जाने की खबर है। समिति ने अपने अंदरुनी सर्वे और दिल्ली द्वारा कराएं गए सर्वे के आधार पर संभावित उम्मीदवारों के नाम पर सहमति जताई है। समिति ने तय किया है कि लगभग 60 नामों की सूची जल्द घोषित कर दी जाए और जहां विधायकों के टिकट बदलने है, वहां उन्हें भरोसे में लेकर आगे निर्णय लिया जाए। इसके अलावा समिति ने उन विधानसभा क्षेत्रों के लिए भी अपने प्रत्याशियों के नाम पर मंथन किया, जहां पार्टी पिछले चुनाव में काफी कम मतों के अंतर चुनाव हारी थी। खबर है कि इनमें से कुछ क्षेत्रों के लिए भी नामों की घोषणा पहली सूची में कर दी जाएगी।
पहली सूची जल्द
माना जा रहा है कि पार्टी जीती हुई विधानसभा सीटों के लिए अपने प्रत्याशियों के नामों का जल्द एलान कर देगी। सूत्रों का दावा है कि एक दर्जन विधायक इस बार टिकट से वंचित हो सकते हैं। पिछले दो माह से जिताऊ प्रत्याशियों की तलाश में जुटी प्रदेश कांग्रेस अब अंतिम फैसले की ओर है। नए प्रदेश प्रभारी महासचिव रणदीप सुरजेवाला और स्क्रीनिंग कमेटी के चैयरमैन भंवर जितेन्द्र सिंह 2 सितम्बर से भोपाल में कैंप लगाने वाले हैं। ये नेता लगातार पांच दिन भोपाल में रहकर चुनावी रणनीति के साथ-साथ प्रत्याशियों के नामों पर मोहर लगा सकते हैं। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा की मानें तो भोपाल में बैठक के बाद सूची हाई कमान के पास भेजी जाएगी। वर्मा का कहना है कि पहली सूची 6 या 7 सितंबर को जारी की जा सकती है। हालांकि सूत्रों का कहना है कि किसी कारणवश यदि इन तारीखों में सूची जारी नहीं होती है, तो इस माह गणेश चतुर्थी से पहले जीती हुई 50 सीटों पर प्रत्याशी सार्वजनिक हो जाएंगे। कांग्रेस के जानकार मान रहे हैं कि विधायकों वाले क्षेत्रों में प्रत्याशियों के बारे में फैसला होने के बाद कांग्रेस उस सूची पर विचार करेगी, जहां पिछले चुनाव में पार्टी काफी कम वोटों के अंतर से हारी हैं। इसके बाद सबसे ज्यादा प्रतिस्पर्धा वाली सीटों पर उम्मीदवारों का चयन होगा।
ांग्रेस में उम्मीदवार तय करने की प्रक्रिया से जुड़े सूत्रों की मानें तो पहली सूची में जीती हुई उन सीटों के लिए प्रत्याशियों के नाम होंगे, जहां ज्यादा दावेदार नहीं हैं और क्षेत्रों में मौजूदा विधायकों की स्थिति भी बेहतर है। जीती हुई सीटों में जिन विधायकों को इस बार टिकट नहीं देने हैं, उनके नाम बाद में घोषित किए जाएंगे। सूत्रों की मानें तो एक दर्जन विधायक के टिकट खतरे में हैं। बताया गया है कि तकरीबन तीन महीने पहले कांग्रेस ने अपने 18 विधायकों के नाम लाल घेरे में किए थे और उन विधायकों से साफ तौर पर कह दिया गया कि समय रहते क्षेत्र में अपनी स्थिति सुधारें, नहीं तो टिकट से वंचित होना पड़ेगा। बताया गया है कि इनमें से कुछ विधायकों की स्थिति पहले से बेहतर है और पार्टी के सर्वे में उन्हें जीतने वाला चेहरा बताया जा रहा है, किन्तु अभी भी 12 से ज्यादा ऐसे विधायक हैं, जिनके क्षेत्र में अब जीतने वाला प्रभाव नहीं बचा है, ऐसे में इन विधायकों के स्थान पर वहां नया चेहरा उतारने की तैयारी की जा रही है।
पहली सूची में 50 नाम
जानकारी के अनुसार कांग्रेस अपनी पहली सूची में 50 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों की सूची जारी कर सकती है। इनमें तराना, घटिया, खाचरोद, सोनकच्छ, राऊ, छिंदवाड़ा जिले की सभी सातों विधानसभा सीट, पिछोर, भोपाल उत्तर, राघोगढ़, खिलचीपुर, भोपाल मध्य, महेश्वर, कसरावद, बिछिया, डबरा, पेटलावद, कुक्षी, धरमपुरी, झाबुआ, जबलपुर पूर्व, बरगी, चित्रकूट, छतरपुर, बंडा, चाचौड़ा, गोहद, चंदेरी, सबलगढ़, शाहपुरा, गोटेगांव, अलीराजपुर, झाबुआ आदि शामिल हैं।
टिकट के 4 हजार दावेदार
पार्टी के सामने सबसे बड़ी चुनौती यह है कि प्रदेश की 230 सीटों के लिए करीब 4 हजार दावेदार हैं। यानी 17 गुना से अधिक। अधिकांश सीटों पर 12 से ज्यादा नाम है। कांग्रेस पर्यवेक्षकों को हुजूर, गोविंदपुरा, बैरसिया जैसी सीटों पर 20 से ज्यादा चुनाव लडऩे वालों के आवेदन मिले हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने रणनीति बनाई है कि तीन चुनाव हारने वालों को टिकट नहीं दिया जाएगा। गौरतलब है कि प्रत्येक सीट पर नामों को शार्ट आउट कर फाइनल करने लिए बनी स्क्रीनिंग कमेटी की बैठक 2 सितंबर को होगी। इस में कमेटी के चेयरमैन भंवर जितेंद्र सिंह और इंचार्ज जनरल सेक्रेटरी रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल होने भोपाल आ रहे हैं। बैठक दिल्ली में भी हो सकती है। स्क्रीनिंग कमेटी पहले उन 66 सीटों के नाम फाइनल करेगी जिनमें कांग्रेस पिछले पांच चुनावों में हार रही है। इस बैठक में प्रत्येक सीट पर एक नाम तय कर पार्लियामेंट्री बोर्ड को भेज दिए जाएंगे, जिससे सितंबर के पहले सप्ताह में पहली सूची जारी की जा सके। सभी टिकटों को सितंबर अंत तक फाइनल कर दिया जाएगा।
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