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    सिंधिया समर्थकों और पुराने भाजपाईयों में टिकट का घमासान

  • May 08, 2023

    • 28 सीटों पर नई भाजपा और पुरानी भाजपा के अलग-अलग दावेदार

    भोपाल। प्रदेश में 6 महीने बाद विधानसभा चुनाव का बिगुल बजेगा। ऐसे में भाजपा ने टिकट का घमासान तेज होने लगा है। खासकर उन 28 सीटों पर सबसे अधिक घमासान है, जहां के कांग्रेसी विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में शामिल हो गए। इन 28 सीटों पर नई भाजपा और पुरानी भाजपा के अलग-अलग दावेदार हैं। ऐसे में भाजपा में टिकटों के लिए सिंधिया समर्थक और पुराने भाजपाइयों के बीच घमासान मचेगा। गौरतलब है कि प्रदेश में सत्तारूढ़ भाजपा ने 6 महीने बाद होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए टिकट चयन पर काम शुरू कर दिया है। पार्टी ने यह काम आकांक्षी विधानसभा (कांग्रेस के कब्जे वाली)सीटों से शुरू किया है। इनमें वे सीट भी शामिल हैं, जहां उपचुनावों में तो भाजपा जीती, लेकिन 2018 में हारी थी। पार्टी ने तय किया है कि आम चुनाव में किसी नेता का समर्थक होने मात्र से किसी को टिकट नहीं मिलेगा। प्रत्याशी तो भाजपा की टिकट चयन की परंपरागत प्रक्रिया से ही तय होंगे। ऐसे में 2020 में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में आने वाले 28 विधायकों में से आधे से ज्यादा नेताओं को फिर से टिकट मिलने पर संशय की स्थिति बन गई है। दरअसल, राजनीति में नए-पुराने सभी नेता मायने रखते हैं। नवंबर-दिसंबर में मप्र में विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में प्रदेश भाजपा के पुराने नेता फिर से आवाज बुलंद करने लगे हैं। ये बदली हुई परिस्थितियां अपनों से ही मुसीबत के संकेत दे रही हैं। जो चेहरे पार्टी में कभी कद्दावर माने जाते थे, कैबिनेट का हिस्सा थे, अब वही जीत के रास्ते पर कांटे बिछा सकते हैं। इन परिस्थितियों की जड़ में ज्योतिरादित्य सिंधिया का अपने समर्थकों सहित भाजपा जॉइन करना है। 2020 में सिंधिया और उनके समर्थकों के भाजपा में आने के बाद जिन सीटों पर उपचुनाव हुए, वहां पार्टी के पुराने चेहरों को मौका न मिलना पार्टी के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है।

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    सिंधिया के गढ़ में सबसे अधिक घमासान
    केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ़ ग्वालियर चंबल में नई भाजपा और पुरानी भाजपा के अलग-अलग दावेदार हैं। भाजपा में टिकटों के लिए सिंधिया समर्थक और पुराने भाजपाइयों के बीच घमासान मचेगा। सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ भाजपा में आए लोग टिकट के लिए तगड़े दावेदार हैं, तो वहीं पुराने भाजपाई भी टिकट की दौड़ में लगे हैं। ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट पर कांग्रेस के सतीश सिकरवार एमएलए हैं। इस सीट पर भाजपा के सिंधिया समर्थक मुन्नालाल गोयल सबसे बड़े दावेदार हैं। इसी सीट पर पुराने भाजपाई जय सिंह कुशवाहा, माया सिंह, अनूप मिश्रा की दावेदारी भी सामने आ रही है। ग्वालियर दक्षिण विधानसभा सीट पर कांग्रेस के प्रवीण पाठक एमएलए हैं। इस सीट से पुराने भाजपाई पूर्व मंत्री नारायण सिंह कुशवाहा, जय भान सिंह पवैया, अनूप मिश्रा, प्रियांशु शेजवलकर, अभय चौधरी बड़े दावेदार हैं। वहीं, नई भाजपा यानी सिंधिया समर्थक मदन कुशवाहा टिकट के लिए दावेदारी कर रहे हैं। इसके साथ ही पूर्व मेयर समीक्षा गुप्ता और पूर्व जिला अध्यक्ष कमल माखीजानी भी सिंधिया के सहारे टिकट की दौड़ में बने हुए हैं। ग्वालियर विधानसभा सीट पर भाजपा के प्रद्युम्न सिंह सिंह तोमर एमएलए हैं। इस सीट पर तोमर टिकट के सबसे बड़े दावेदार हैं। इसी सीट पर पुराने भाजपाई जयभान सिंह पवैया और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के बेटे देवेंद्र प्रताप सिंह तोमर की अंदरूनी दावेदारी चल रही है।

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