इंदौर, राजेश ज्वेल। पिछले दिनों शासन ने इंदौर के लिए टीडीआर पॉलिसी के चलते रिसिविंग एरिया के निर्धारण की प्रक्रिया शुरू की। उसी कड़ी में अब टीओडी पॉलिसी भी अमल में लाई जा रही है। इंदौर में चूंकि मेट्रो नेटवर्क लगभग साढ़े 31 किलोमीटर पर आ रहा है। उसके दोनों ओर 500-500 मीटर की चौड़ाई में तीन ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट कॉरिडोर प्रस्तावित किए गए हैं, जिसमें मिक्स लैंड यूज के साथ अतिरिक्त एफएआर का लाभ भी जमीन मालिकों को मिलेगा। इसके लिए मास्टर प्लान 2021 में उपांतरण किए जा रहे हैं, जिस पर 30 दिन में संचालनालय नगर तथा ग्राम निवेश ने दावे-आपत्तियां और सुझाव आमंत्रित किए हैं। मास्टर प्लान के साथ-साथ भूमि विकास नियम में भी इसके अनुरूप परिवर्तन किए जाएंगे।
इंदौर के प्रस्तावित मास्टर प्लान 2041 के प्रारूप प्रकाशन की भी तैयारी शासन स्तर पर की जा रही है। वहीं इंदौर में चूंकि मेट्रो प्रोजेक्ट भी अमल में लाया जा रहा है, लिहाजा उसके दोनों तरफ 500-500 मीटर का एरिया टीओडी के तहत प्रस्तावित किया गया है। इसमें देवी अहिल्याबाई हवाई अड्डे, यानी एयरपोर्ट से लेकर इंदौर रेलवे स्टेशन का कॉरिडोर तो रहेगा ही, वहीं स्टेशन से कुमेड़ी में प्राधिकरण द्वारा निर्मित आईएसबीटी, एमआर-10 फ्लायओवर तक के साथ ही सुपर कॉरिडोर का हिस्सा भी इस कॉरिडोर में प्रस्तावित किया गया है।
मध्यप्रदेश मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन ने जो सिटी मोबिलिटी प्लान तैयार किया है, उसके प्रस्तावों के मुताबिक नगरीय निकायों और क्रियान्वयन एजेंसियों द्वारा जो प्रोजेक्ट लाए जाएंगे उनके लिए नियमों में कई तरह के प्रावधान करना पड़ेंगे। नगर तथा ग्राम निवेश के संयुक्त संचालक डॉ. सुभाशीष बनर्जी का कहना है कि अभी उपांतरण की सूचना संचालनालय द्वारा प्रकाशित की गई है, जिस पर दावे-आपत्ति, सुझाव की प्रक्रिया के पश्चात भूमि विकास नियम में भी संशोधन करना होंगे, जिसके तहत मिक्स लैंड यूज के साथ अतिरिक्त एफएआर का लाभ मेट्रो नेटवर्क पर चिह्नित किए गए तीनों कॉरिडोर पर मिलेगा। उल्लेखनीय है कि इंदौर में 31 किलोमीटर से अधिक का मेट्रो नेटवर्क पहले चरण में तैयार किया जा रहा है। एयरपोर्ट से लेकर सुपर कॉरिडोर, वहां से एमआर-10, विजय नगर, रेडिसन, रोबोट चौराहा, पलासिया से राजबाड़ा, बड़ा गणपति होते हुए एयरपोर्ट तक ही यह नेटवर्क रहेगा, जिसमें टीओडी के तहत ई-वाहनों के लिए चार्जिंग पॉइंट के अलावा पार्किंग की सुविधा रहेगी। फुटपाथों को व्यवस्थित किया जाएगा और पैदल चलने वालों की आवाजाही सुविधाजनक रहेगी। निजी भागीदारी के साथ शॉपिंग और बाजार क्षेत्रों में पार्किंग के पर्याप्त प्रबंधन भी होंगे। सार्वजनिक परिवहन तंत्र को मजबूती देने के लिए ही यह टीओडी पॉलिसी लाई जा रही है, जिसमें आवासीय, व्यावसायिक, फुटकर सहित अन्य मिश्रित भू-उपयोग स्वीकार्य रहेंगे।
70 हजार एकड़ का टीडीआर के लिए रिसिविंग एरिया भी तय
पिछले दिनों शासन ने टीडीआर सर्टिफिकेट के लिए रिसिविंग एरिया भी घोषित कर दिया, जिसमें संपूर्ण निगम सीमा को लिया गया है, जिसमें 70 हजार एकड़ एरिया आता है। इंदौर में बीआरटीएस कॉरिडोर निर्माण के अलावा नगर निगम ने शहर के मध्य क्षेत्र में सडक़ चौड़ीकरण के लिए कई निर्माणों को तोड़ा और उनके जमीन मालिकों को टीडीआर सर्टिफिकेट दिए हैं, जिसके लिए अब ग्राउंड कवरेज, एमओएस और पार्किंग नियमों में भी आवश्यक बदलाव किए जा रहे हैं। टीडीआर सर्टिफिकेट के जरिए अतिरिक्त एफएआर खरीदा जा सकेगा और रिसिविंग एरिया में इसका इस्तेमाल संभव हो सकेगा।
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