भोपाल। मध्य प्रदेश में मानसून (Monsoon in Madhya Pradesh) के प्रवेश की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। केरल से आगे बढक़र मानसून मुंबई तक पहुंच गया है। इसके बाद अब कभी भी मानसून प्रदेश में दस्तक दे सकता है। मानसून आने से पहले वातावरण में लगातार आ रही नमी के कारण उमस बढ़ गई है, और राजधानी भोपाल सहित प्रदेश के अधिकांश जिलों में दोपहर के बाद गरज-चमक के साथ प्री मानसून की (pre monsoon) बौछारें भी पड़ रही हैं। मौसम विभाग ने सोमवार और मंगलवार को भी राजधानी भोपाल समेत प्रदेश के कई जिलों में बारिश गिरने की संभावना जताई है। वरिष्ठ मौसम वैज्ञानिक पीके साहा ने जानकारी देते हुए बताया कि वर्तमान में दक्षिण-पश्चिम मप्र पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इस चक्रवात से लेकर तमिलनाडू तक एक द्रोणिका लाइन (ट्रफ) बनी हुई है। अरब सागर के गुजरात तट पर एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इसी तरह समुद्र तट पर गोवा और उससे लगे कर्नाटक पर भी एक ऊपरी हवा का चक्रवात बना हुआ है। इन चार वेदर सिस्टम के कारण नमी मिल रही है। इस वजह से मानसून पूर्व की गतिविधियों में भी तेजी आने लगी है। वर्तमान में प्रदेश के अधिकांश जिलों में बारिश की संभावना बनी हुई है। बादल छाए रहने से पूरे प्रदेश में अधिकतम तापमान में अधिक बढ़ोतरी भी नहीं हो रही है।
यहां पानी के गिरने के आसार
साहा ने बताया कि सोमवार-मंगलवार को होशंगाबाद, सागर, जबलपुर, रीवा एवं शहडोल संभाग के जिलों में तथा विदिशा, रायसेन, भोपाल, खंडवा, खरगोन, धार, इंदौर, उज्जैन, नीमच, मंदसौर, गुना एवं शिवपुरी में कहीं-कहीं गरज-चमक के साथ बौछारें पडऩे की संभावना है।