इंदौर (Indore)। मुख्यमंत्री (Chief Minister) द्वारा घोषित किए गए 10 हजार की बैठक क्षमता वाले कन्वेंशन सेंटर (Convention Center) के निर्माण की सुगबुगाहट प्राधिकरण दफ्तर (Flurry Authority Office) में बीते कुछ दिनों से चल रही है। इस प्रोजेक्ट को अमलीयजामा पहनाने के लिए आज बैठक में आर्किटेक्ट और कंसल्टेंट चयन के लिए निविदाएं आमंत्रित करने का फैसला लिया जा रहा है। सुपर कॉरिडोर से लगी हुई योजना 172 में लगभग 25 एकड़ जमीन प्राधिकरण ने इस सेंटर के लिए चिन्हित की है। उसके साथ थ्री स्टार होटल, शॉपिंग मॉल सहित अन्य गतिविधियों से संबंधित बिल्डिंगें भी निजी निवेशकों से निर्मित करवाई जाएगी। आज बोर्ड बैठक में सम्पदा शाखा से संबंधित टेंडरों और नीति निर्धारण विषयों पर भी निर्णय लिए गए।
पिछले दिनों इंदौर में आयोजित प्रवासी भारतीय सम्मेलन और उसके साथ ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट हुई थी। लेकिन ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर का सबसे बड़ा हॉल प्रवासी सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की उपस्थिति के चलते छोटा पड़ गया और कुछ विदेशों से आए प्रवासियों को प्रवेश नहीं मिला और उनकी नाराजगी के वीडियो देश-दुनिया में सोशल मीडिया के जरिए वायरल हो गए। नतीजतन दो बार मुख्यमंत्री को माफी भी मांगना पड़ी और इसको लेकर जमकर हल्ला मचा। बाद में मुख्यमंत्री ने पत्रकार वार्ता में घोषणा भी की कि इंदौर में 10 हजार की बैठक क्षमता वाला कन्वेंशन सेंटर बनाया जाए और इसका जिम्मा उन्होंने इंदौर विकास प्राधिकरण को सौंपा। उसके बाद से ही अध्यक्ष जयपालसिंह चावड़ा अधिकारियों के साथ बैठक करने और जनप्रतिनिधियों के साथ मौका-मुआयना करने भी निकल पड़े और योजना 172 में 25 एकड़ जमीन पर कन्वेंशन सेंटर बनाने के प्रोजेक्ट पर निर्णय लिया गया। आज साढ़े 10 बजे प्राधिकरण दफ्तर में बोर्ड बैठक आयोजित की गई है, जिसमें कन्वेंशन सेंटर बनाने के लिए आर्किटेक्ट और कंसल्टेंट का चयन करने के लिए बुलाई जाने वाली निविदा पर निर्णय लिया जा रहा है।
प्राधिकरण अध्यक्ष श्री चावड़ा के मुताबिक इस कन्वेंशन सेंटर को व्यवहारिक रूप से सफल बनाने के लिए कई तरह के प्रावधान करना पड़ेंगे। इस पूरे परिसर में थ्री स्टार होटल सहित अन्य गतिविधियां निर्मित होंगी, जिसके लिए प्राधिकरण जमीन उपलब्ध कराएगा और उस पर निजी निवेशक और रियल इस्टेट कारोबार से जुड़े लोगों के प्रस्ताव लिए जाएंगे। इंदौर में वर्तमान में इतनी बड़ी क्षमता का कोई भी कन्वेंशन सेंटर नहीं है। हालांकि जानकारों का यह भी कहना है कि इंदौर में आए दिन ऐसे बड़े आयोजन नहीं होते, जिसके लिए विशाल सेंटर की आवश्यकता हो, क्योंकि व्यवहारिक दृष्टि से इस तरह के सेंटर अभी लाभदायक भी नहीं हो सके। हालांकि इस प्रोजेक्ट को अमल में लाने में ही 4 से 5 साल का समय लगेगा और इंदौर का चूंकि तेजी से विस्तार हो रहा है। लिहाजा भविष्य में इस तरह के सेंटर उपयोगी रहेंगे। आज बोर्ड बैठक में विभिन्न योजनाओं में प्राधिकरण के टेंडरों के अलावा व्ययन नीति निर्धारण से संबंधित विषयों पर भी निर्णय लिए गए और उसके बाद आज और कल टीपीएस 9 और 10 के जमीन मालिकों की सुनवाई भी होना है।
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