चाईबासा । झारखंड के चाईबासा में (In Chaibasa, Jharkhand) नक्सलियों द्वारा (By Maoists) एक बार फिर किये गए (Done Once Again) लैंडमाइन विस्फोट में (In Landmine Blast) सुरक्षा बलों के तीन जवान (Three Security Personnel) बुरी तरह जख्मी हो गए (Badly Injured) । पिछले 22 दिनों के अंदर नक्सलियों द्वारा लैंडमाइन विस्फोट की सात घटनाएं अंजाम दी गई हैं, जिसमें 15 जवान और ग्रामीण घायल हुए हैं।
गुरुवार को जिले के गोईलकेरा थाना क्षेत्र के मेरालगढ़ा इलाके में सुरक्षा बलों के जवान सर्च ऑपरेशन पर निकले थे, तभी जमीन के नीचे बिछाए गए आईईडी का जोरदार विस्फोट हुआ। इसकी चपेट में आकर घायल हुए तीनों जवानों को एयरलिफ्ट कर रांची लाया गया है। उन्हें इलाज के लिए रांची के मेडिका हॉस्पिटल में दाखिल कराया गया है। घायलों में राकेश पाठक, बीडी अनल और पंकज यादव शामिल हैं।
बता दें कि इसके पहले बीते 25 जनवरी को चाईबासा के मुफस्सिल थाना क्षेत्र के अंजनबेड़ा गांव में सर्च ऑपरेशन के दौरान सीआरपीएफ की 197 बटालियन के सबइंस्पेक्टर अंसार अली घायल हो गए थे। उनका इलाज अब भी चल रहा है। 24 जनवरी को चाईबासा के गोइलकेरा थाना क्षेत्र अंतर्गत कटंबा-करुकुटिया गांव के रास्ते में पैदल बाजार जा रहा एक 18 वर्षीय ग्रामीण माटा अंगारिया लैंड माइन्स विस्फोट की चपेट में आकर जख्मी हो गया था।
11 जनवरी को टोंटो थाना क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा किए गए लैंडमाइन विस्फोट में छह जवान घायल हुए थे। 12 जनवरी को भी इसी इलाके में एक और विस्फोट हुआ, जिसमें तीन जवान जख्मी हुए थे। 13 जनवरी और 20 जनवरी को भी बारूदी सुरंग विस्फोट की घटनाएं हुईं। पूरे कोल्हान प्रमंडल में पिछले कुछ महीनों से झारखंड पुलिस के अलावा सीआरपीएफ, कोबरा और झारखंड जगुआर सुरक्षा बलों की संयुक्त टीम ऑपरेशन चला रही है। पुलिस को रोकने के लिए नक्सलियों ने टोंटो, मुफस्सिल और गोइलकेरा थाना क्षेत्र के जंगलों में प्राय: सभी रास्तों में जमीन के नीचे बारूदी सुरंगें बिछा रखी हैं।
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