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    हरियाली अमावस्या पर बन रहे तीन राजयोग, इन चीजों का करें दान, घर में आएगी खुशहाली

  • July 28, 2022

    नई दिल्‍ली। सावन अमावस्या (Sawan Amavasya) को हरियाली अमावस्या भी कहा जाता है. 28 जुलाई 2022 को हरियाली अमावस्या है. सावन की अमावस्या हरियाली का प्रतीक है. हरियाली अमावस्या (Sawan Amavasya) पर स्नान, दान, पितृशांति (patriarchy) के तर्पण के अलावा पौधा लगाने की भी परंपरा है. सावन में आने वाली इस अमावस्या के दिन भगवान शिव(Lord Shiva) और मां पार्वती की उपासना का भी विधान है. घर की सुख-शांति के लिए हरियाली अमावस्या के दिन पीपल के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व(special importance) है. इस बार की हरियाली अमावस्या बेहद खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन तीन राजयोग भी बन रहे हैं. आइए जानते हैं हरियाली अमावस्या का मुहूर्त, राजयोग और पूजा विधि

    हरियाली अमावस्या 2022 तिथि (Hariyali amavasya 2022 time)
    हरियाली अमावस्या तिथि आरंभ – 27 जुलाई 2022, रात 09 बजकर 11 मिनट से
    हरियाली अमावस्या तिथि समाप्त – 28 जुलाई 2022, रात 11 बजकर 28 मिनट तक

    हरियाली अमावस्या 2022 राजयोग (Hariyali amavasya 2022 rajyoga)
    हरियाली अमावस्या पर तीन राजयोग बन रहे हैं. ज्योतिष के अनुसार इस दिन शनि से शश राजयोग, मंगल ग्रह से रुचक राजयोग और बृहस्पति ग्रह हंस राजयोग बनेंगे. साथ ही इस दिन गुरु पुष्य का शुभ योग भी बन रहा हैं. पुष्य को नक्षत्रों का राजा माना जाता है इसलिए इस योग में तर्पण, पिंडदान करना पुण्यकारी माना गया है. गुरु पुष्य योग में किए शुरु किए शुभ काम में सफलता मिलती है.



    हरियाली अमावस्या पर किया जाता है दान
    हरियाली अमावस्या (Hariyali Amavasya 2022) के दिन दान करने से पितर खुश होते हैं. माना जाता है कि पितरों के प्रसन्न होने पर घर में खुशहाली आती है. चूंकि अमावस्या पितरों को समर्पित माना जाता है, इसलिए इस दिन मछलियों को आटे की गोलियां खिलाना शुभ होता है. इस दिन नदी में काला तिल प्रवाहित करना शुभ होता है. इसके अलावा इस दिन पितरों का स्मरण करके किसी पात्र में जल लेकर उसमें काले तिल, चीनी, चावल और फूल डालें और पीपल के पेड़ को अर्पित करें. ऊं पितृभ्य: नम: मंत्र का जाप करें.

    हरियाली अमावस्या 2022 पूजा विधि (Hariyali amavasya 2022 puja vidhi)
    हरियाली अमावस्या के दिन पवित्र नदी में स्नान का बहुत महत्व है. बारिश का मौसम होने से नदियों का बहाव तेज होता है ऐसे में आप घर में पानी में पवित्र नदी का जल मिलाकर स्नान कर सकते हैं.

    हरियाली अमावस्या इस बार गुरुवार को है ऐसे में शिव-पार्वती की निमित्त पूजन के साथ श्रीहरि भगवान विष्णु का भी केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करें.

    शिवलिंग पर जल अर्पित करें और ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप करें. इस दिन शिव का रुद्राभिषेक करना बहुत उत्तम माना जाता है.

    पीपल के पेड़ का पूजन कर घी का दीपक जलाएं. हरियाली अमावस्या पर पितृशांति के लिए ये पूजा विधि बहुत फलदायी है.

    हरियाली अमावस्या पर पितरों के नाम से पीपल, नीम, आंवला, तुलसी का पेड़ लगाएं और उसकी देखभाल का संकल्प लें. इससे पितर प्रसन्न होते हैं.

    व्रत के उपरांत गरीबों और ब्राह्मणों को दान दें और भोजन कराएं. इसका दूरगामी परिणाम मिलता है.

    नोट- उपरोक्‍त दी गई जानकारी सिर्फ सामान्‍य सूचना के लिए हैं हम इसकी जांच या सत्‍यता की पुष्टि का दावा नहीं करते हैं. इन्‍हें अपनाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें.

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