– भोपाल में ‘खराब मौसम और खराब उपकरण’ के चलते
– इंस्ट्रूमेंटल लैंडिंग सिस्टम में खराबी आने के कारण खराब मौसम में नहीं मिल पा रही लैंडिंग में मदद
– एयर इंडिया की दिल्ली-मुंबई से आई उड़ानों, इंडिगो की मुंबई से आई उड़ान को नहीं मिली भोपाल में अनुमति
इंदौर, विकाससिंह राठौर।
प्रदेश में मौसम (weather) के बदले मिजाज से हवाई यातायात (air traffic) भी प्रभावित हो रहा है। सोमवार सुबह भोपाल (bhopal) में खराब मौसम के कारण मुंबई (mumbai) और दिल्ली (delhi) से पहुंचे तीन विमानों (planes) को उतरने की अनुमति नहीं मिल पाई। हालांकि इसमें सिर्फ खराब मौसम ही जिम्मेदार नहीं था, बल्कि भोपाल एयरपोर्ट (bhopal airport) पर खराब मौसम (bad weather) में विमानों को राह दिखाने वाला इंस्ट्रूमेंटल लैंडिंग सिस्टम (instrumental landing system) (आईएलएस) भी खराब हो जाने से विमानों को लैंडिंग (landing) में मदद नहीं दी जा सकी और उन्हें डायवर्ट (divert) कर इंदौर (indore) लाया गया। मौसम साफ होने के बाद 10 से साढ़े 10 के बाद तीनों फ्लाइट भोपाल रवाना हुई।
विमानतल से मिली जानकारी के मुताबिक सुबह 7.15 से 8 बजे के बीच भोपाल एयरपोर्ट (bhopal airport) पर मुंबई और दिल्ली से पहुंचे तीन विमानों ने इंदौर एयर ट्रैफिक कंट्रोल (air traffic control) (एटीसी) से संपर्क करते हुए विमानों को डायवर्ट करते हुए इंदौर लाने की अनुमति मांगी। इनमें सुबह 7.20 बजे दिल्ली से भोपाल पहुंचने वाला एयर इंडिया का विमान (एआई-435), एयर इंडिया का ही मुंबई से 7.25 बजे भोपाल पहुंचने वाला विमान (एआई-633) और इंडिगो का सुबह 7.50 बजे मुंबई से भोपाल पहुंचने वाला विमान (6ई-7121) शामिल था। एटीसी द्वारा मंजूरी दिए जाने के बाद ये तीनों विमान 8.15 से 8.50 के बीच इंदौर (indore) पहुंचे। यात्रियों को विमान में ही बैठाए रखा गया, ताकि मौसम साफ होते ही विमानों को भोपाल ले जाया जा सके। इसके कारण यात्री विमानों में ही परेशान होते रहे।
इंदौर ने तीन से ज्यादा विमानों को डायवर्ट करने से किया मना
एयरपोर्ट से मिली जानकारी के मुताबिक इंदौर एटीसी (indore atc) से भोपाल एटीसी (bhopal atc) ने भी संपर्क किया। भोपाल एटीसी ने जानकारी दी कि भोपाल एयरपोर्ट (bhopal airport) पर लगा इंस्ट्रूमेंटल लैंडिंग सिस्टम (instrumental landing system) काम नहीं कर रहा है। वहीं खराब मौसम के कारण भोपाल में दृश्यता काफी कम है। इसके कारण विमानों को लैंडिंग में मदद नहीं की जा सकती है, जिसके चलते विमानों को डायवर्ट किया जा रहा है। इंदौर में सुबह सामान्य उड़ानों की काफी आवाजाही रहती है। इसे देखते हुए इंदौर एटीसी ने तीन विमानों के बाद अन्य विमानों को इंदौर (indore) डायवर्ट न किए जाने की बात भी भोपाल एटीसी से कही।
खराब मौसम में राह दिखाता है आईएलएस
बड़े विमानों (big planes) को उतरने के लिए आमतौर पर 800 मीटर तक की दृश्यता जरूरी होती है। वहीं छोटे विमानों के लिए 1500 मीटर दृश्यता चाहिए। अगर मौसम खराब होता है और दृश्यता इससे कम हो जाती है तो ऐसी स्थिति में आईएलएस पायलट को रनवे पर सही स्थान और दिशा में उतरने के लिए गाइड करता है। इंदौर (indore) और भोपाल (bhopal) में लगे आईएलएस 550 मीटर तक की दृश्यता होने पर भी विमानों को उतारने में सक्षमता देते हैं।
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