नई दिल्ली । अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme) का विरोध थमता नहीं दिख रहा है. सड़कों पर हिंसक प्रदर्शन (violent protests) के बाद अब मामला सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) तक पहुंच चुका है. अग्निपथ स्कीम के खिलाफ तीसरी याचिका (petition) सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हो चुकी है. इसपर केंद्र सरकार ने भी केवियट दाखिल कर दी है. बता दें कि युवा और कई राजनीतिक संगठन सेना में भर्ती की इस नई योजना का विरोध कर रहे हैं, उनकी मांग है कि यह योजना लागू ना की जाए.
अग्निपथ योजना को चुनौती देने वाली तीसरी याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल हो चुकी है. इसपर केंद्र सरकार ने केवियट याचिका दाखिल की है.
तीनों याचिकाएं वकीलों ने ही दाखिल की हैं. विशाल तिवारी, एमएल शर्मा और अब हर्ष अजय सिंह ने ये याचिकाएं दाखिल की हैं. केंद्र सरकार ने केविएट दाखिल कर कहा है कि कोर्ट इस मुद्दे पर कोई भी निर्णय लेने से पहले केंद्र का पक्ष भी अवश्य सुने.
बता दें कि केंद्र सरकार सेना में भर्ती के लिए नई स्कीम आई है. इसे अग्निपथ योजना नाम दिया गया है. इसमें चार साल के लिए सेना में भर्ती किया जाएगा, जिसमें शुरुआती छह महीने ट्रेनिंग के होंगे. हर बैच के 25 फीसदी अग्निवीरों को भारतीय सेना में स्थाई रूप से (15 साल और) रख लिया जाएगा. वहीं बाकी अग्निवीर रिटायर हो जाएंगे. रिटायर होने पर उनको करीब 12 लाख रुपये की जमा राशि भी मिलेगी, जिसके जरिये वे कोई अन्य काम कर सकते हैं.
साढ़े 17 साल से लेकर 21 साल तक की उम्र के लोग अग्निपथ योजना के तहत भर्ती हो सकते हैं. पहले साल सरकार ने दो साल की छूट भी दी है. मतलब इस बार 23 साल तक के युवा अप्लाई कर सकते हैं. साल दर साल अग्निवीरों की सैलरी में बढ़ोतरी होगी, यह 30 हजार से शुरू होकर 40 हजार तक जाएगी. लेकिन अग्निवीरों को पेंशन, ग्रैचुइटी आदि का लाभ नहीं मिलेगा. सैनिकों को मिलने वाली कैंटीन की सुविधा भी इनको नहीं मिलेगी.
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