इंदौरसंजीव मालवीय। भाजपा के बड़े नेताओं का कहना है कि जिलाध्यक्ष की रायशुमारी में आए नामों को लेकर इस बार जितनी बारीकी से जांच-पड़ताल की गई है, ऐसी कभी नहीं हुई। इसके आधार पर ही तीन-तीन नामों का पैनल संगठन के राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री शिवप्रकाश की सहमति से तैयार किया गया। इसके बाद इंदौर से टीनू जैन, बबलू शर्मा और सुमित मिश्रा के नाम निकलकर सामने आए हैं।
पहली बार रायशुमारी में जिलों से पहुंचे चुनाव अधिकारियों को उनके पर्यवेक्षक की मौजूदगी में तीन नाम के पैनल को लेकर हिदायत दी गई कि रायशुमारी में किसे कितने वोट मिले हैं, उसके आधार पर उनका प्रतिशत निकालें। बैठक में प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन प्रदेश महामंत्री हितानंद शर्मा, प्रदेश प्रभारी महेंद्रसिंह और सरोज पांडेय भी मौजूद रहे। पर्यवेक्षकों ने तीन-तीन नाम का पैनल राष्ट्रीय सहसंगठन मंत्री शिवप्रकाश को सौंपा, जिसे एक बड़े लिफाफे में बंद कर दिल्ली भेज दिया गया है।
बताया जाता है कि इसके पहले बंद कमरे में उस क्षेत्र के वरिष्ठ नेताओं से फोन पर भी चर्चा की गई कि यह नाम किस आधार पर आए हैं और इनमें किसी प्रकार का कोई विवाद तो नहीं है? इसी को लेकर हर जिले का पैनल तैयार कर लिया गया है। सूत्रों के अनुसार 60 में से 40 जिलों के नाम पहली सूची में घोषित किया जा सकते हैं। इंदौर जिले और शहर का पेंच अगर फंसता है तो अगले 20 जिलों के नाम की सूची में इन्हें शामिल किया जा सकता है। इंदौर शहर से जिन तीन नामों का पैनल बनाया गया है उनमें पूर्व पार्षद एवं सहमीडिया प्रभारी टीनू जैन, एमआईसी मेंबर बबलू शर्मा और सुमित मिश्रा के नाम शामिल हैं। अगर पहले दौर में इंदौर की घोषणा होती है तो टीनू और बबलू को तवज्जो मिल सकती है, वहीं सुमित मिश्रा मंत्री कैलाश विजयवर्गीय, विधायक रमेश मेंदोला, गोलू शुक्ला के भरोसे हैं। वैसे उनका नाम हर क्षेत्र में आया है। टीनू का नाम भी सुमित से दूसरे नंबर पर दिया गया है। टीनू को लेकर विजयवर्गीय भी सक्रिय हैं। बबलू शर्मा का नाम 4 नंबर और राऊ से रखा गया है। उनको लेकर महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने लॉबिंग की है।
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