– यूएई एयरफोर्स ने ट्रांसपोर्ट टैंकरों से ओमान की खाड़ी में मध्य हवा में ईंधन दिया
– अब भारतीय वायु सेना के पास राफेल फाइटर जेट्स की संख्या 24 हुई
नई दिल्ली। फ्रांस के इस्ट्रेस एयरबेस (France’s Istres Airbase) से उड़ान भरकर तीन राफेल जेट्स (three Rafale jets) नॉन स्टॉप 8,000 किलोमीटर की यात्रा पूरी करके बुधवार को भारत पहुंच गए। तीनों राफेल विमानों को रास्ते में संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) एयरफोर्स के एयरबस (Airbus of United Arab Emirates (UAE) Airforce) 330 मल्टी-रोल ट्रांसपोर्ट टैंकरों से ओमान की खाड़ी में मध्य हवा में ईंधन दिया गया। वायुसेना ने मध्य हवा में ईंधन भरने के लिए यूएई का आभार जताया है। अब इसके बाद 26 जुलाई से राफेल की पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयरबेस पर दूसरी स्क्वाड्रन को औपचारिक रूप से ऑपरेशनल किया जाना है।
तीन लड़ाकू राफेल विमानों का सातवां जत्था बुधवार को फ्रांस से भारत पहुंचा है। नए जत्थे के तीन राफेल विमानों के भारत पहुंचने के बाद भारतीय वायु सेना के पास इन विमानों की संख्या बढ़कर 24 हो गई है। इससे पहले फ्रांस के मेरिग्नैक-बोर्डो एयरबेस से उड़कर छठे जत्थे में तीन विमान 06 मई को भारत पहुंचे थे। अबतक भारत आये 21 राफेल विमानों को पहली स्क्वाड्रन अंबाला एयरबेस पर तैनात किया गया है। एक स्क्वाड्रन में 18 विमान शामिल होते हैं, इसलिए अब यह तीनों विमान भारतीय वायुसेना की राफेल विमान की दूसरी स्क्वाड्रन का हिस्सा होंगे। राफेल की पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयरबेस पर दूसरी स्क्वाड्रन को 26 जुलाई को ऑपरेशनल किया जाना है।
पश्चिम बंगाल के हाशिमारा एयरबेस में राफेल फाइटर जेट की दूसरी स्क्वाड्रन चीन के साथ पूर्वी मोर्चे पर खतरों का मुकाबला करने के लिए तैयार है। भारतीय वायुसेना ने इस दूसरी स्क्वाड्रन का नाम 101 ‘फाल्कन्स ऑफ चंब और अखनूर’ रखा है। इस स्क्वाड्रन के ऑपरेशनल होने के बाद भारतीय वायु सेना को पूर्वोत्तर में चीन की सीमा पर एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा। अंबाला में पहुंचे राफेल विमान अगले कुछ दिनों में हाशिमारा एयरबेस के लिए फेरी लगाना शुरू कर देंगे और स्क्वाड्रन 26 जुलाई तक चालू हो जाएगी। 101 स्क्वाड्रन की मुख्य रूप से चीन स्थित पूर्वी सीमा की देखभाल के लिए जिम्मेदार होगी जबकि अंबाला की स्क्वाड्रन लद्दाख में चीन के साथ उत्तरी सीमाओं और पाकिस्तान के साथ अन्य क्षेत्रों की देखभाल करेगी।
भारत ने 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 2016 में फ्रांस के साथ सौदा किया था। सभी 36 विमानों की आपूर्ति साल के अंत तक होने और इनके वायुसेना के लड़ाकू बेड़े में शामिल होने की संभावना है। वायुसेना को मिलने वाले 36 राफेल विमानों में से 30 युद्धक विमान और छह प्रशिक्षण विमान होंगे। फ्रांसीसी कम्पनी से पांच राफेल जेट का पहला जत्था 29 जुलाई, 2020 को अंबाला एयरबेस पहुंचा था। भारतीय वायुसेना ने औपचारिक रूप से इन फाइटर जेट्स को अपने बेड़े में 10 सितम्बर को शामिल किया था। पश्चिमी और पूर्वी मोर्चों पर ‘टू फ्रंट वार’ की तैयारियों के बीच राफेल फाइटर जेट की मिसाइल स्कैल्प को पहाड़ी इलाकों में अटैक करने के लिहाज से अपग्रेड किया गया है। एलएसी पर चीन से तनातनी के बीच भारत ने राफेल लड़ाकू विमानों को लद्दाख के फ्रंट-लाइन एयरबेस पर तैनात किया है। (एजेंसी, हि.स.)
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