भोपाल। मप्र हाईकोर्ट ने दो साल पहले लोकसभा चुनाव के दौरान पड़े प्रदेश में आयकर छापों में राज्य पुलिस सेवा के अफसर अरुण कुमार मिश्रा को मिली चार्जशीट पर स्टे दे दिया है। साथ ही गृह विभाग, चुनाव आयोग, सीबीडीटी और ईओडब्ल्यू को नोटिस जारी कर एक सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है। कोर्ट में मिश्रा की ओर से दलील दी गई कि प्रतीक जोशी के घर छापे में मिली डायरी की एंंट्री के आधार पर कोई कार्रवाई शुरू करने का आधार नहीं बनता है। डायरी में एंट्री के कोई सबूत नहीं हैं। छापे में कोई साक्ष्य नहीं मिले हैं। एंट्री के आधार पर याचिकाकर्ता के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू करना उचित नहीं है। प्रतीक के घर छापे की अंतिम मूल्यांकन रिपोर्ट आना बाकी है। अभी तक याचिकाकर्ता को न तो आयकर विभाग और न ही ईओडब्ल्यू ने नोटिस दिया है। इसके बाद हाईकोर्ट ने चार्जशीट पर स्टे दे दिया। कोर्ट ने कहा है कि अगली सुनवाई तक याचिकाकर्ता अरुण मिश्रा पर कोई कार्रवाई न की जाए। मिश्रा पर आरोप है कि उन्होंने 31 मार्च 2019 को प्रतीक जोशी के साथ 7.5 करोड़ का अवैध लेनदेन किया था, जो कि भ्रष्ट आचरण की श्रेणी में आता है। इस मामले में ईओडब्ल्यू भी प्राथमिकी दर्ज कर चुका है।
तीन आइपीएस पर भी आरोप
आयकर विभाग की इस कार्रवाई में मिश्रा के अलावा तीन अन्य आइपीएस सुशोवन बनर्जी, वी मधुकुमार और संजय माने भी आरोपित हैं। उनके खिलाफ भी सरकार ने आरोप-पत्र जारी किया है। सुशोभन बनर्जी पर दो अप्रैल 2019 को प्रतीक जोशी के साथ 25 लाख रुपए के लेनदेन, संजय माने पर 24 दिसंबर 2018 को पांच लाख और 30 मार्च 2019 को प्रतीक जोशी के साथ 30 लाख के लेनदेन तो वी मधुकुमार पर 28 मार्च 2019 को प्रतीक जोशी के साथ 25 लाख के नकद लेनदेन और 12.50 करोड़ के परिवहन का आरोप है। सूत्रों का कहना है कि ये अधिकारी भी हाई कोर्ट जा सकते हैं।
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