कुंदन, मृदुला, बिशाला, सरस्वती और सरायू मंडी में उतरते ही बिक गई
इंदौर संतोष मिश्र।
इंदौर जिले (Indore District) के एक छोटे से गांव (Village) के किसानों (Farmers) ने तरबूज (Watermelon), खरबूज (Melon) की नई वैरायटी उगाई है, जो मंडी में बेहद पसंद आई। सिमरोल क्षेत्र (Simrol Area) के अंतर्गत आने वाले ग्राम दतोदा के किसान अशोक पिता रामचंद्र कुशवाहा सहित दो अन्य किसानों ने लगभग 6 एकड़ जमीन पर तरबूज, तरबूज की खेती की। इनकी फसल इतनी पसंद आई कि उद्यानिकी विभाग (Horticulture Department) के अधिकारी त्रिलोकचंद वास्केल के नेतृत्व में टीम खेतों में पहुंची और फसलों का निरीक्षण कर किसानों का हौसला बढ़ाया। किसानों द्वारा पिछले 1 सप्ताह से अपने खेतों में से तरबूज (Watermelon), खरबूज (Melon) की फसल निकालकर महू की मंडी में बेची जा रही है। तरबूज में जहां कुंदन और मृदुला नई वैरायटी की है, वहीं खरबूज में बिशाला, सरस्वती, सरायु और एक और वैरायटी है। किसानों ने बीज नैनोशीट कंपनी से खरीदकर बोया था। इसकी पैदावार भी दूसरी कंपनियों के बीज से ज्यादा हुई है। किसानों की तरबूज,खरबूज भरी गाडिय़ां मंडी में उतरते ही हाथोहाथ बिक गईं, जिससे उन्हें अच्छी आमदनी भी हुई है।
इंदौर जिले में पहली बार नई वैरायटी के तरबूज, खरबूज की खेती
इंदौर जिले के दतोदा गांव (Datoda Village) के किसानों ने पहली बार नई वैरायटी की तरबूज, खरबूज की खेती की है। इन किसानों से प्रेरणा लेकर अगले साल दूसरे किसानों ने अपने खेतों में इसी किस्म की फसल बोने की तैयारी की है।
उद्यानिकी विभाग करेगा दूसरे किसानों को जागरूक
उद्यानिकी विभाग (Horticulture Department) के अधिकारी त्रिलोकचंद वास्केल ने बताया कि इस नई वैरायटी की तरबूज,खरबूज को दूसरे किसानों को भी अपने खेतो में बोने के लिए जागरूक किया जाएगा। महू के अलावा देपालपुर (Depalpur), सांवेर (Sanwer) एवं हातोद (Hatod) क्षेत्र के किसानों को भी समझासि दी जाएगी कि वे अपने खेतों में इसी तरह की फसल बोएं, ताकि उपज ज्यादा होने के साथ-साथ बेचने पर उन्हें अच्छी आमदनी भी हो सके।
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