विभाग का स्वास्थ्य सुधारने की जरूरत, इस साल ट्रेप हुए 14 में से 6 लोग स्वास्थ्य विभाग के
इंदौर। लोकायुक्त पुलिस (Lokayukta Police) ने इस साल अब तक 14 लोगों को रिश्वत लेते पकड़ा है। इनमें सब से अधिक स्वास्थ्य विभाग (Health Department) के लोग हैं, जिनमें एक माह में ही तीन डॉक्टर अलग-अलग कारण से रिश्वत लेते पकड़े गए हैं, जो बताता है कि विभाग में किस तरह भष्टाचार फैला हुआ है।
लोकायुक्त पुलिस के सूत्रों के अनुसार खरगोन जिले में एक डॉक्टर को क्लीनिक खोलने की अनुमति के लिए वहां के बीडीएस डॉक्टर दीपक जायसवाल से बीस हजार की रिश्वत मांग रहे थे, जिनको लोकायुक्त पुलिस ने ट्रेप किया था। इसके अलावा खंडवा में एक नर्स का स्थानातरण करने के लिए सीएचएमओ डॉक्टर डीएस चौहान ने रिश्वत की मांग की थी। उनको भी लोकायुक्त पुलिस ने रंगेहाथों पकड़ा था। कल फिर एक महिला की डिलेवरी करवाने के लिए सरदारपुर की मेडिकल आफिसर डॉक्टर संगीता पाटीदार दस हजार की रिश्वत लेते पकड़ी गई है। एक माह में डॉक्टर के रिश्वत लेते पकड़ाने का यह तीसरा मामला है। इसके अलावा इस साल लोकायुक्त पुलिस ने अब तक 14 लोगों को रिश्वत लेते पकड़ा है। इसमें छह स्वास्थ्य विभाग से जुड़े हुए हैं। केवल जिला अलग-अलग हैं।
पहले पुलिस, पंचायत और पटवारी की संख्या रहती थी सब से अधिक
पिछले कुछ सालों के रिकार्ड पर नजर डाली जाए तो पता चलता है कि पहले पीपीपी मॉडल भष्टाचार में नंबर वन होता था। साल में होने वाले ट्रेप में सब से अधिक संख्या पुलिस, पटवारी और पंचायत कर्मियों की होती थी। लेकिन इस बार नया मॉडल तैयार हो रहा है। इस पर सब से अधिक सरकारी डॉक्टर अब तक रिश्वत लेते पकड़े गए है। हालाकी पटवारी, पुलिस और पंचायत के लोग भी पकड़े गए है। लेकिन इनकी संख्या कम है।
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