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    सूरत के तीन दर्शनार्थी शिप्रा में नहाते समय डूबे, एक की मौत

  • August 08, 2021

    • 10 लोग दर्शनों के लिए उज्जैन आए थे-अमावस्या के कारण शिप्रा किनारे लगी भीड़-दो लोगों को तैराकों ने बचा लिया

    उज्जैन। आज सुबह सूरत के 10 लोग रामघाट पर नहाने गए थे, इस दौरान एक व्यक्ति की गहरे पानी में डूबने से मौत हो गई जबकि दो को बचा लिया गया। श्रावण मास में हरियाली अमावस्या होने के कारण आज सुबह रामघाट पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जमा हुई लेकिन प्रशासन ने कोई इंतजाम नहीं किए थे। पुलिस ने मौके पर पहुँचकर शव कब्जे में ले लिया।
    आज श्रावण मास की हरियाली अमावस्या है और शिप्रा के घाटों पर पर्व स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ जुटी है। इसी मौके पर आज सुबह सूरत के 10 लोग उज्जैन पहुंचे और रामघाट पर शिप्रा स्नान के लिए आए। नहाने के दौरान तीन लोग गहरे पानी में जाने से डूबने लगे और वहाँ हल्ला मच गया। इस दौरान घाट पर तैनात तैराकों ने पानी में कूदकर दो लोगों को तो बचा लिया लेकिन एक की डूबने से मौत हो गई। एक श्रद्धालु की डूबने से मौत होने के बाद रामघाट क्षेत्र में अफरा-तफरी का माहौल बन गया और मौके पर पुलिस पहुंच गई। मृतक का नाम रवि पिता शिवशंकर गुप्ता निवासी रेलवे स्टेशन के पास सूरत है। उसके साथ विष्णु और व्यास नामक लोग भी डूब रहे थे जिन्हें बचा लिया गया। जो दो लोगों को बचा लिया गया, उन्होंने बताया कि वे सूरत से यहाँ महाकालेश्वर दर्शन के लिए उज्जैन आए थे और कपड़े दुकानों पर काम करते हैं। सभी लोग उत्तरप्रदेश के मूल निवासी हैं। मृतक के शव का जिला चिकित्सालय में पोस्टमार्टम कराया गया। अस्पताल में मृतक के सभी साथी मौजूद थे। आए दिन इस तरह की दुर्घटनाएँ होना साबित करता है कि शिप्रा के घाट सुरक्षित नहीं है और यहाँ फिसलन वाली कायी भी जमा होती है।

    15 दिन में दो लोगों की जान गई
    श्रावण मास में बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का उज्जैन आगमन होता है और पर्व स्नान पर विशेष भीड़ बढ़ जाती है, ऐसे में प्रशासन को सुरक्षा के इंतजाम पूर्व से किए जाने चाहिए थे लेकिन प्रशासन ने आज अमावस्या के पर्व स्नान के लिए पहले से कोई इंतजाम नहीं किए गए और न तो यहाँ पर्याप्त तैराक लगाए गए और न ही पुलिस बल ड्यूटी पर लगाया गया। रामघाट क्षेत्र में आज सुबह से ही अफरा-तफरी का माहौल नजर आ रहा था और यहाँ पर लोगों को समझाईश देने के लिए कोई भी जिम्मेदार दिखाई नहीं दे रहा था। लोग अपने हिसाब से ही शिप्रा में स्नान कर रहे थे। पिछले दिनों एक श्रद्धालु के डूबने के बाद अगले दिन शिप्रा नदी में होमगार्ड की और 4 बोटे गश्ती के लिए और 10 अतिरिक्त होमगार्ड जवान नियुक्त करने की बात कही गई थी लेकिन आज सुबह यहाँ पर न तो बोटें नजर आई और न ही होमगार्ड जवान दिखाई दे रहे थे। घाट पर जो रोज तैराक आते हैं वे ही यहाँ सतर्क दिखाई दे रहे थे। इधर केडीगेट पैलेस पर पिछले दिनों दो लोगों की जान चुकी है और आज रविवार को वहाँ पर भी बड़ी संख्या में घूमने के शौकीन पहुंचे हैं तथा कई श्रद्धालुओं ने वहाँ पर भी स्नान किया लेकिन यहाँ पर पुलिस बल मौजूद नहीं किया गया।

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