भोपाल। भेल भोपाल (Bhel Bhopal) में कोरोना संक्रमण (Corona Infection) से बढ़ती मौतों के बाद गोविंदपुरा विधायक कृष्णा गौर (Govindpura MLA Krishna Gaur) द्वारा धरने पर बैठने की धमकी के बाद मंगलवार को भेल प्रशासन बैकफुट (Backfoot) पर आ गया। भेल (Bhel) प्रशासन ने तीन दिन तक कारखाने को बंद करने का निर्णय लिया है। इस दौरान ऑक्सीजन (Oxygen) का उत्पादन होता रहेगा।
गौरतलब है कि गौर ने भेल कारखाना (Bhel Factory) बंद न करने के विरोध में बुधवार को धरने देने की चेतावनी दी थी। विधायक ने कहा कि अब तक 100 कर्मचारियों की कोरोना (Corona) से मौत हो गई हैै। इस संबंध में उन्होंने मंगलवार को भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया (Bhopal Collector Avinash Lavania) को धरने की अनुमति के लिए पत्र लिखा था। बता दें विधायक लंबे समय से कोरोना संक्रमण (Corona Infection) की चेन को तोडऩे के लिए भेल कारखाने को बंद करने की मांग कर रही है। अब उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा था कि यदि भेल प्रबंधन भोपाल इकाई को तत्काल बंद करने के आदेश जारी नहीं करता है तो मुझे कोविड नियमों का पालन करते हुए धरने पर बैठने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। उनकी चेतावनी के बाद भेल प्रबंधन ने 13, 14 और 15 मई को कर्मचारियों को अवकाश की घोषणा कर दी है।
500 कर्मचारी संक्रमित, 100 की अब तक मौत
अपने पत्र में विधायक ने लिखा है कि बीएचईएल कारखाने में संक्रमितों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ रही है। साथ ही कर्मचारियों की मौत भी हो रही है। आज संक्रमितों की संख्या लगभग 500 है। और करीब 100 (ठेका श्रमिकों को मिलाकर) कर्मचारियों की मौत भी हो गई है। इस कारण कर्मचारियों एवं उनके परिवार में भय एवं निराशा की भावना व्याप्त हो गई है।
भेल की दूसरी ईकाइयां बंद
पत्र में यह भी बताया गया है कि बीएचईएल कारखाने कि अन्य इकाइयों जैसे बैंगलुरू, रानी पेठ, तिरुच्चिराप्पल्लि आदि में अपनी इकाइयों को अलग-अलग तारीख के लिए बंद कर दिया है। विधायक ने उनको बंद करने के आदेश की प्रतिलिपियां भी संलग्न करने का जिक्र किया है। लेकिन भोपाल भेल प्रबंधन अपने हठधर्मिता के कारण अपनी इकाई को सख्त चालू कर रखा है। जिससे आज भयावह परिस्थिति उत्पन्न हो गई है।
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