चंडीगढ़। पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र (Punjab Assembly Special Session) की दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होते ही आज सदन में केंद्र सरकार (central government) के तीन नए कृषि कानूनों को पंजाब में निष्प्रभावी करने के लिए चर्चा शुरू हो गई । सदन के नेता मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने कहा कि आपातकालीन सत्र में बिल लाने में देरी हुई। मुख्यमंत्री सरकारी प्रस्ताव पेश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार कृषि कानूनों को वापस ले। वह इस संबंध में केंद्र को तीन पत्र भी लिख चुके हैं।
पंजाब विधानसभा में केंद्र के कृषि कानूनों को निष्प्रभावी करने के लिए एक साथ एक प्रस्ताव व तीन बिल पेश किए गए। विधानसभा अध्यक्ष राणा केपी सिंह ने कहा कि विधानसभा केंद्र के कानून पर गहरा खेद व्यक्त करती है। विधानसभा ने पहले भी इनके खिलाफ प्रस्ताव पास किया था, पर फिर भी केंद्र सरकार ने कानून पारित कर दिए।कहा कि केंद्र ने व्यापारियों के लिए ये कानून बनाए हैं न कि खेती या किसानों के लिए।
वहीं, नेता प्रतिपक्ष हरपाल सिंह चीमा ने विधानसभा सत्र की दूसरे दिन की कार्यवाही शुरू होने से पहले बिल की कॉपी न मिलने पर नाराजगी जताई है । बतादें कि आप विधायकों ने पूरी रात विधानसभा परिसर में ही गुजारी। विपक्ष के नेता ने कहा कि आखिर कैप्टन अमरिंदर सिंह किस बात से इतना डर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जब तक बिल की कॉपी विधायकों को एडवांस में नहीं मिल जाती तब तक वह उसकी तैयारी कैसे कर सकेंगे। जबकि बीते दिन ही स्पीकर विधानसभा राणा केपी सिंह ने विपक्ष को आश्वस्त किया था कि शाम 5 बजे तक बिल की कॉपी सभी विधायकों को मिल जाएगी, लेकिन वह आज सुबह तक भी नहीं दी गई। विपक्ष के नेता ने आरोप लगाया कि सीकर विधानसभा के कस्टोडियन है लेकिन वह कांग्रेस के पक्ष में रह कर बात कर रहे हैं।
इससे पूर्व सत्र के पहले दिन जमकर हंगामा हुआ है । पंजाब सरकार की ओर से लाए जा रहे बिल की कापी नहीं मिलने के विरोध में आम आदमी पार्टी (आप) के विधायकों ने सदन में रात तक धरना दिया। रात को उनसे सदन खाली करवा लिया गया जिसके बाद वे लाबी में धरने पर बैठ गए।
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