नई दिल्ली। नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (Narcotics Control Bureau) दिल्ली जोन (Delhi Zone) ने डार्क नेट (dark net) पर चल रहे तीन बड़े ड्रग्स नेटवर्क का भंडाफोड़ (Three big drug networks busted) किया है।. पुलिस ने इन तीन नेटवर्क से जुड़े 22 आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनमें 4 लड़कियां भी शामिल हैं। पुलिस के मुताबिक ये लोग विदेश से ड्रग्स मंगवाते थे जिसकी पेमेंट क्रिप्टो करेंसी से करते और फिर यूपीआई से बेचा करते थे. इसके अलावा कई ई वॉलेट में भी पैसे लिए थे।
एनसीबी ने जिन 22 लोगों को गिरफ्तार किया ये सभी साथ काम करते थे लेकिन एक दूसरे के नाम से भी अनजान थे. इन्हें वर्चुअल जिंदगी ज्यादा पसंद थी. ड्रग्स खरीद फरोख्त के इस नेटवर्क में सॉफ्टवेयर इंजीनियर, एमबीए ग्रेजुएट भी शामिल थे. इनकी उम्र 20 से 35 साल के बीच में है. इनमें से कोई नारकोज बनना चाहता था तो कोई जेल में बैठ कर इंडिया में LSD और एक्सटेसी का किंग बनना चाहता था।
कैसे भंडाफोड़ किया गया?
एनसीबी को इन नेटवर्क की भनक तब लगी जब कोलकाता पुलिस ने एक शख्स को गिरफ्तार किया. इस बीच साइबर पेट्रोलिंग के दौरान दिल्ली एनसीबी को कुछ जानकारी मिली कि कुछ लोग टेलीग्राम पर ग्रुप बनाये हैं और डार्क वेब के जरिए घर घर ड्रग्स की सप्लाई कर रहे हैं।
नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो के मुताबिक इस इंटरनेशनल रैकेट के तार यूरोपियन देशों तक फैले थे. ये लोग ड्रग्स सप्लाई करने के लिए पोस्ट और तमाम कूरियर सर्विसेज का इस्तेमाल कर रहे थे. बताया गया है कि एनसीबी को एक खुफिया जानकारी मिली जिसके बाद वो कुछ सोशल मेसेजिंग एप को ट्रैक करते हुए एनसीबी की कोलकाता जोन के पास पहुंची. फिर वहां से एक विदेशी डाकघर जाया गया. वहां पर 44 पोस्ट पार्सल मिले जो किसी के नाम के नहीं थे, या फिर जानबूझकर गलत पते के थे. एनसीबी पार्सलों को जब्त कर लिया।
कौन-कौन हुआ है गिरफ्तार?
इन सभी पार्सल के अंदर अलग-अलग ड्रग्स मौजूद थे. इस दौरान एनसीबी की टीम तरीना नाम की एक महिला तक पहुंची. आगे बढ़ी तो एनसीबी को सर्वो नाम के एक शख्स के बारे में जानकारी मिली. इसके बाद एनसीबी ने दिल्ली एयरपोर्ट से सर्वो को गिरफ्तार कर लिया. सर्वो के पास से मारिजुआना और एमडीएम में की गोलियां बरामद की।
सर्वो की गिरफ्तारी के बाद एनसीबी की टीम राहुल मिश्रा तक पहुंची. राहुल स्पोर्ट्समैन था. इसके बाद एनसीपी को पता लगा कि यह लोग डार्क नेट के जरिए अपना पूरा धंधा चला रहे हैं. राहुल के बाद एनसीबी ने आश्रय पांडे नाम के एक युवक को गुड़गांव से गिरफ्तार किया. उसके पास से 410 ग्राम क्यूरेटेड मारिजुआना मिला. जांच में पता लगा है कि ट्रक के आर्डर देने के लिए यह लोग सोशल मीडिया के अलग-अलग प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल किया करते थे और फिर कुरियर के जरिए ड्रग्स घर-घर पहुंचा दिया करते थे।
जांच के दौरान यह पाया गया कि जसबीर एक टेलीग्राम ग्रुप “द ओरिएंट एक्सप्रेस” का मेंबर है. इस ग्रुप का एडमिन नमन था, नमन भी पकड़ा गया है. इसमे लगभग 300 सदस्य थे और वह सक्रिय रूप से मारिजुआना, एलएसडी, एक्स्टसी, हेरोइन, हशीश, कोकीन आदि जैसी दवाओं की बिक्री में शामिल थे।
पुलिस का आदमी भी शामिल
एनसीबी ने जसबीर की मदद करने के आरोप में अपने एक कांस्टेबल आकाश को भी गिरफ्तार किया है। एनसीबी के मुताबिक जसबीर के कहने पर आकाश ने उसकी गर्लफ्रैंड से संपर्क किया और उसने जसबीर के मोबाइल और लैपटॉप को एक कीचड़ से भरे तालाब में फेंक दिया. बाद में जब एनसीबी ने जसबीर की महिला दोस्त को गिरफ्तार किया तो तालाब का पता लगा जहां से गोताखोरों की मदद से तीन दिन में एक मोबाइल बरामद हो सका. मामले में फिलहाल आगे की कार्रवाई जारी है और एनसीपी की कोशिश है कि डार्क नेट के जरिए देश में होने वाले ड्रग्स के कारोबार पर नकेल कसा जा सके।
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