नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति की बैठक से पहले ही पंजाब नेशनल बैंक (PNB) समेत तीन बड़े बैंकों ने अपना-अपना कर्ज महंगा कर दिया है। इससे बैंकों के उपभोक्ताओं को पहले से ज्यादा मासिक किस्त (EMI) चुकानी पड़ेगी।
केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति समिति (MPC) की अगली बैठक 8-10 अगस्त को होगी। इसमें रेपो दर पर फैसला हो सकता है। आरबीआई ने पिछले साल मई से लेकर फरवरी तक रेपो दर में छह बार में 2.50 फीसदी की बढ़ोतरी की थी। हालांकि, इसने अप्रैल और जून की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में दरों को जस का तस रखा था। अनुमान है कि अगले हफ्ते होने वाली बैठक में भी आरबीआई दरें अपरिवर्तित रख सकता है। लेकिन बैंकों ने उससे पहले ही दरें बढ़ानी शुरू कर दी है।
बैंक ऑफ इंडिया : इसने चुनिंदा अवधि के कर्ज पर ब्याज दर बढ़ा दिया है। बैंक की वेबसाइट के मुताबिक, एक महीने की दर अब 8.15 फीसदी होगी। जबकि तीन और छह महीने की दर पहले की तरह ही है। एक साल की दर 8.70 फीसदी और तीन साल की दर 8.90 फीसदी होगी।
पीएनबी : इस बैंक की एक साल के लोन की दर 8.60 फीसदी होगी जबकि तीन साल की दर 8.90 फीसदी होगी। एक महीने की दर 8.20 फीसदी होगी। हालांकि तीन और छह महीने की दर अपरिवर्तित है जो 8.30 और 8.50 फीसदी है।
आईसीआईसीआई बैंक : निजी क्षेत्र के इस बड़े बैंक ने एक अगस्त से सभी अवधि के मार्जिनल कॉस्ट लेंडिंग रेट (MCLR) में 0.05 फीसदी की बढ़त की है। इससे एक साल की अवधि के लिए कर्ज की दर 8.90 फीसदी हो गई है जो पहले 8.85 फीसदी थी। 6 माह की दर 8.80 फीसदी है।
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