नई दिल्ली. बांग्लादेश (Bangladesh) में सियासी उलटफेर के बीच भारतीय राजदूत (Indian Ambassador) प्रणय वर्मा (Prannoy Verma) ने गुरुवार को अंतरिम सरकार (interim government) के मुख्य सलाहकार मुहम्मद यूनुस (Muhammad Yunus) से मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने शांति, सुरक्षा और विकास के लिए दोनों देशों के लोगों की साझा आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए बांग्लादेश के साथ काम करने की भारत की प्रतिबद्धता दोहराई.
HC Pranay Verma paid his introductory call on H.E. Professor Muhammad Yunus @ChiefAdviserGoB today.
Reiterated India’s committment to working with Bangladesh to fulfill shared aspirations of peoples of 🇮🇳🇧🇩 for peace, security and development. @MEAIndia pic.twitter.com/Ft77NopmM0
— India in Bangladesh (@ihcdhaka) August 22, 2024
एक स्थानीय अखबार ने बताया कि वर्मा ने स्टेट गेस्टहाउस जमुना में यूनुस के साथ अपनी बैठक के दौरान ढाका में अपने उच्चायोग सहित बांग्लादेश में अपने दूतावास और अन्य प्रतिष्ठानों की सुरक्षा पर चिंता व्यक्त की. मुख्य सलाहकार के प्रेस सचिव शफीकुल आलम ने कहा कि सरकार ने पहले ही पूरे राजनयिक क्षेत्र की सुरक्षा बढ़ा दी है.
स्थानीय मीडिया ने बताया कि सुरक्षा मुद्दों के अलावा, भारतीय दूत ने दोनों देशों के बीच साझा समृद्धि के लक्ष्य पर चर्चा की, जिससे समृद्ध और स्थिर बांग्लादेश में भारत के दृढ़ विश्वास की पुष्टि हुई. उन्होंने साझा हितों के मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया और लोगों से लोगों के संबंधों को और मजबूत करने के तरीकों पर चर्चा की.
बता दें कि बांग्लादेश में भारत का सबसे बड़ा वीजा संचालन है और पिछले साल 16 लाख लोग भारत आए थे. एक रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से 60 प्रतिशत पर्यटन उद्देश्यों के लिए, 30 प्रतिशत चिकित्सा उद्देश्यों के लिए और 10 प्रतिशत अन्य उद्देश्यों के लिए आए थे. बाढ़ के मुद्दे पर, आलम ने दूत को उद्धृत करते हुए कहा कि जल स्तर बढ़ने के कारण पानी स्वतः ही छोड़ दिया गया. उच्चायुक्त ने त्रिपुरा में आई बाढ़ को बहुत ही अभूतपूर्व घटना बताया, जिसके कारण 50,000 लोग विस्थापित हुए हैं. उन्होंने कहा कि इसने बांग्लादेश और भारत दोनों तरफ तबाही मचा दी है.
यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश एक बड़ा परिवार है और उन्होंने जल मुद्दों पर उच्च स्तरीय सहयोग और आपातकालीन स्थितियों में इसे सक्रिय करने पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि संयुक्त नदियों के जल-बंटवारे को एक साथ काम करके हल किया जा सकता है और भारत और पाकिस्तान के बीच सिंधु जल संधि का हवाला दिया. बैठक के दौरान अल्पसंख्यक मुद्दों पर भी चर्चा की गई. मुख्य सलाहकार ने बिम्सटेक और सार्क के बारे में भी बात की और दक्षिण एशिया में युवाओं को एक साथ लाने पर जोर दिया.
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