नई दिल्ली। सावन माह शुरू होते ही यूपी समेत देशभर में कांवड़ यात्रा का सिलसिला शुरू हो गया है। इस बीच, इन यात्राओं को कट्टरपंथियों या आतंकियों द्वारा निशाना बनाए जाने का अंदेशा है। इसे देखते हुए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने सतर्क रहने और कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने का निर्देश दिया है।
सावन लगते ही गुरुवार से देश की पवित्र नदियों से शिव मंदिरों में जल अर्पित करने के लिए कांवड़ यात्रियों के जत्थे रवाना हो गए हैं। यूपी समेत देश के अनेक राज्यों में बड़े पैमाने पर ये यात्राएं निकाली जाती हैं। केंद्रीय गृह मंत्रालय कांवड़ यात्रियों की सुरक्षा बढ़ाने को लेकर राज्यों को एडवाइजरी जारी की है। सूत्रों ने बताया कि गृह मंत्रालय ने राज्य सरकारों से कहा है कि वे कांवड़ियों की सुरक्षा बढ़ाने के तत्काल इंतजाम करें।
सूत्रों ने कहा कि गुप्तचर ब्यूरो की रिपोर्ट के आधार पर गृह मंत्रालय ने उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश सहित कई राज्यों का अलर्ट किया है। इन राज्यों को कांवड़ यात्रा के लिए सुरक्षा व्यवस्था को बढ़ाने की सलाह दी है।
रेलवे बोर्ड को भी किया आगाह
गृह मंत्रालय ने रेलवे बोर्ड को भी कांवड़ यात्रियों पर हमले के खतरे को देखते हुए ट्रेनों की सुरक्षा कड़ी करने के निर्देश दिए हैं। एडवाइजरी के मुताबिक कांवड़ यात्रा के दौरान किसी भी तरह के खतरे से निपटने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात किया जाना चाहिए।
कोरोना के कारण दो साल बाद हो रही कांवड़ यात्रा
बता दें, कोरोना महामारी के कारण बीते दो साल बाद इस साल कांवड़ यात्रा निकाली जा रही है। करीब एक माह चलने वाले मेले के दौरान कम से कम चार करोड़ कांवड़िये हरिद्वार और पड़ोसी ऋषिकेश में पवित्र गंगा नदी का पानी लेने पहुंचेंगे।
हरिद्वार और ऋषिकेश में खास सतर्कता
सावन माह में उत्तर प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, पंजाब और राजस्थान समेत कई राज्यों के कांवड़िये पैदल गंगाजल लेने हरिद्वार और ऋषिकेश जाते हैं और अपने घर लौटकर मंदिरों में भगवान शिव को चढ़ाते हैं। इसलिए इन दोनों शहरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ने की आशंका को देखते हुए सीसीटीवी कैमरों, ड्रोन और सोशल मीडिया पर सतत निगरानी रखी जा रही है।
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