इन्दौर (indore)। महीनों बीत जाने के बाद कोविशील्ड (Covishield) के बूस्टर डोज (booster dose) शहर को नसीब हुए। 19 झोन सहित 38 सेन्टरों पर को-वैक्सीन और कोविशील्ड (Co-Vaccine and Covishield) का प्रतिदिन टीकाकरण किया जा रहा है, लेकिन अब कोवैक्सीन की हजारों डोज पर एक्सपायरी का खतरा (risk of expiry) मंडराने लगा है। यदि दस दिन में उपयोग नहीं किए गए तो वैक्सीन (vaccine) कचरा हो जाएगी।
बच्चों के लिए लगाई जाने वाली कॉरबैक्स तक नसीब नहीं हो रही है, वहीं दूसरी तरफ अब कोवैक्सीन पर भी एक्सपायरी का खतरा मंडरा रहा है। लगभग 27 हजार वैक्सीन आने वाले दस दिनों में कचरे में फेंकना पड़ेगी। कोरोना संक्रमण के बचाव के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले एकमात्र हथियार वैक्सीन को लेकर इंदौर में फिर मुश्किलें बढ़ने के आसार नजर आ रहे हैं। अभी वैक्सीन उपलब्ध होने के बावजूद सेन्टरों पर टीकाकरण के लिए लोग नहीं पहुंच रहे हैं, लेकिन जैसे ही कोरोना की सुगबुगाहट बढ़ती है, सेन्टरों पर मांग बढ़ जाती है।
अब मिलेगी की नहीं, असमंजस
कोविशील्ड के लम्बे इंतजार के बाद सरकार ने डोज उपलब्ध करा दिए, लेकिन आने वाले समय में कोवैक्सीन के डोज उपलब्ध होंगे या नहीं, इसको लेकर असमंजस की स्थिति बरकरार है। जिसे देखते हुए स्वास्थ्य विभाग का अमला ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचकर वैक्सीन लगाने की कोशिश कर रहा है। विभाग ने सामाजिक संस्थाओं से भी अपील की है कि वे अपने क्षेत्र के लोगों को अधिक से अधिक सेन्टरों पर टीकाकरण के लिए लोगों को भेजे।
26 लाख अब भी बाकी
इंदौर जिले में अब भी 26 लाख 97 हजार 246 लोगों ने बूस्टर डोज नहीं लिए हैं। लगभग 5 लाख लोगों ने ही बूस्टर डोज का टीकाकरण करवाया है, जबकि पहला डोज 34 लाख 96 हजार लोगों ने लगवाया था, वहीं दूसरा डोज लगवाने में 31 लाख 95 हजार लोग सामने आए थे, लेकिन बूस्टर डोज को लेकर लोगों में जागरूकता ही नहीं आ रही है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार कोरोना की सुगबुगाहट के बाद सरकार द्वारा जारी गाइड लाइन के तहत एक बार फिर सेन्टरों पर बूस्टर डोज लेने वालों की पूछपरख बढ़ी थी, लेकिन अभी भी लोगों में जागरूकता की कमी है। आने वाले दिनों में एक्सपायर होने से पहले अधिक से अधिक लोगों का टीकाकरण कराए जाने की कोशिश की जा रही है।
©2024 Agnibaan , All Rights Reserved