उज्जैन। इंदौर, देवास, पीथमपुर, रतलाम, शाजापुर, आगर-मालवा के साथ-साथ अब उज्जैन जिले में भी शहरी तथा ग्रामीण इलाकों में छतों पर सोलर सिस्टम लगाकर सौर ऊर्जा के जरिये बिजली बनाने का चलन बढऩे लगा है। जिले में 500 से ज्यादा छतों पर सोलर सिस्टम लगाकर लोगों ने रोज हजारों यूनिट बिजली उत्पादन करना शुरु कर दिया है। वर्तमान में दिन के समय में काफी बढ़त और रात के समय में कमी का दौर जारी है। इसलिए सौर ऊर्जा का उत्पादन प्रतिदिन बारह घंटे के करीब हो रहा है, शीतकाल में यह अवधि दैनिक आठ से नौ घंटे हो जाती है। वर्तमान में प्रतिदिन मालवा निमाड़ की 4200 छतों से दो से सवा दो लाख यूनिट बिजली उत्पादित हो रही है। इस बिजली की दैनिक बाजार कीमत लगभग 15 लाख और मासिक कीमत करीब साढ़े चार करोड़ होती है। यह बिजली घरों, मल्टियों, दुकानों, कारखानों और सरकारी इमारतों की छत पर तैयार हो रही है।
एक किलो वाट की पैनल से लगभग पांच से सवा पांच यूनिट बिजली दैनिक तैयार हो जाती है। घरों की छतों पर दो से पांच किलो वाट के संयंत्र आसानी से लगाए जा रहे है, ये संयंत्र करीब सौ वर्गफीट जगह अधिकतम कवर करते है। वर्तमान में बाजार में सौर ऊर्जा संयत्र लगभग 65 हजार रूपए किलोवाट की दर से लगाए जा रहे है, समय समय पर शासकीय योजना के अनुसार नेट मीटर रूफ टाप सोलर इंस्टाल करने के लिए सब्सिडी भी प्रदान की जाती है। सौर ऊर्जा विभाग से मिली जानकारी के अनुसार उज्जैन जिले में इस तरह के संयंत्र 525 छतों पर लगाए जा चुके हैं। इसके जरिये उज्जैन जिले में ही रोजाना औसतन 28125 यूनिट बिजली का उत्पादन हो रहा है। इसके लिए बिजली की बाजारू कीमत के हिसाब से रोजाना 1 लाख 68 हजार रुपए से अधिक राशि की बिजली का उत्पादन हो रहा है। अर्थात हर महीने सौर ऊर्जा से जिले में करीब 50 लाख की बिजली का उत्पादन किया जा रहा है।
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