इंदौर। पूरे शहर में कई जगह हरे-भरे पेड़ काटने को लेकर हंगामा मच रहा है। दूसरी ओर इन्दौर के प्राणी संग्रहालय के 52 एकड़ के हिस्से में 80 हजार से ज्यादा पेड़-पौधे लगे हैं और अब हालत यह है कि वहां नए पौधे लगाने की जगह ही नहीं बची है। वहां लगातार पौधारोपण किए जाने का यह नतीजा है कि पूरा परिसर हरा-भरा नजर आता है।
पिछले तीन सालों से प्राणी संग्रहालय में खाली जगह पर पौधारोपण करने का अभियान चलाया गया था। इसके लिए निगम से लेकर विभिन्न नर्सरियों से अलग-अलग प्रजातियों के पौधे बुलवाकर वहां रोपे गए और उनकी देखभाल के लिए करीब 20 से ज्यादा कर्मचारियों की टीमें लगाई गर्इं, ताकि पौधों की स्थिति सही रहे। अब पूरा परिसर न केवल हरा-भरा हो गया है, बल्कि जगह-जगह पेड़ और विभिन्न प्रजातियों के पौधे नजर आते हैं। इस पूरे मामले में सबसे खास बात यह है कि किसी भी अधिकारी अथवा कर्मचारी के जन्मदिन या रिटायरमेंट के दिन वहां पौधे लगाने का सिलसिला शुरू किया गया था, जो अब तक जारी है। सडक़ों और ब्रिज के लिए कई जगह पेड़ों की बड़े पैमाने पर कटाई की जा रही है, जिसको लेकर कई सामाजिक संगठनों ने मोर्चा संभाला है और अब आने वाले दिनों में इन्दौर में एक ही दिन में 51 लाख पौधे लगाए जाने का टारगेट तय किया गया है।
पूरे शहर से दो डिग्री कम रहता है जू का तापमान
प्राणी संग्रहालय के प्रभारी अधिकारी डॉ. उत्तम यादव के मुताबिक 52 एकड़ में फैले जू में करीब 80 हजार से ज्यादा छायादार और अलग-अलग प्रजातियों के पेड़ लगे हैं। वहां आने वाले दर्शकों को छांव तलाशने की जरूरत नहीं पड़ती। कदम-कदम पर पेड़ हैं और इसी के कारण पूरे शहर से जू का तापमान हमेशा दो डिग्री कम रहता है। पूरा परिसर हरा-भरा है और अब स्थिति यह है कि वहां जगह कम पडऩे लगी है और नए पौधे लगाने के लिए कुछ नई जगह ढूंढी जा रही है।
आम, जामुन, कबीट, इमली से लेकर कई पेड़
जू के कई हिस्सों में लगाए गए पेड़ों में पेपल, नीम, गूलर, कबीट, इमली, आम, जामुन, शीशम, कचनार, पलाश, बड़, नीम, गुलमोहर से लेकर कई प्रजातियों के पेड़ हैं। पेड़ों से आम, जामुन, कबीट, इमली तोडक़र जू के कर्मचारी विभिन्न वन्यप्राणियों को भोजन के रूप में देते हैं। परिसर में एसटीपी का पर्याप्त पानी मिलने के कारण न केवल पौधों की देखरेख सही हो पाती है, बल्कि उन्हें प्रतिदिन पानी देने के कारण स्थिति अच्छी बनी हुई है।
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