जलियांवाला बाग के स्मृति दिवस पर अनसुनी गाथाएं बताई युवाओं को
इंदौर। जलियांवाला बाग स्मृति दिवस (Jallianwala Bagh Memorial Day) पर आज शहर के 75 स्थानों से एक साथ बाइक रैली (bike rally) निकाली गई, जिसमें समाज का हर वर्ग शामिल हुआ। रैली चिमनबाग पहुंची, जहां स्वराज अमृत महोत्सव समिति के मंच पर युवा पीढ़ी को आजादी के आंदोलन की अनसुनी गाथाएं सुनाकर बताया जाएगा कि आजादी के आंदोलन में कुछ विशेष लोग नहीं, बल्कि जनसामान्य लोगों का योगदान भी रहा है।
पूरे शहर से आज तिरंगे के साथ बाइक रैलियां चिमनबाग मैदान पहुंचीं। एक तरह से हर सडक़ पर देशभक्ति का माहौल दिखाई दिया। आजादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में शहर के प्रबुद्ध वर्ग, सामान्यजन से लेकर प्रोफेशनल्स, राजनीतिक दलों के कार्यकर्ता और युवा बड़ी संख्या में एकत्रित हो रहे हैं। आज ही के दिन पंजाब के जलियांवाला बाग में जनरल डायर द्वारा हजारों निहत्थों की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। आयोजन समिति के डॉ. राकेश शिवहरे ने बताया कि आज भी आजादी के आंदोलन की ऐसी अनसुनी गाथाएं हैं, जिनसे आज का युवा दूर है। उसे आजादी का आंदोलन देख चुकी पीढ़ी के लोग बता रहे हैं। वहीं मुख्य वक्ता के रूप में हिमाचलप्रदेश विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति कुलदीपचंद्र अग्निहोत्री मौजूद रहेंगे। इसके साथ ही मंच पर राणा बख्तावरसिंह के परिवार के टीएन सिंह, सिख समाज के ग्रंथी, संत समाज और शहर के प्रबुद्धजन मौजूद हैं। रैली में मुख्य आकर्षण सिख समाज का जत्था रहा, जो केसरिया पगड़ी पहनकर स्वराज यात्रा में शामिल हुआ।
चिमनबाग के बाहर ओंकारेश्वर पर्वत बचाने बैठे लोगों से पुलिस की झड़प
आज सुबह चिमनबाग में हुए आयोजन के पहले श्रम शिविर के गेट के बाहर ओंकारेश्वर पर्वत बचाने की मांग लिए कुछ लोग बैठ गए थे, जिनसे पुलिस ने अनुमति पूछी तो वे बता नहीं पाए। इस पर काफी देर तक पुलिस अधिकारी और समिति के लोगों में झड़प होती रही। दरअसल समिति के लोग वहां तिरंगा झंडा और बैनर लगाकर बैठ गए थे। इस पर पुलिस अधिकारियों ने कहा कि आप किसी दूसरे के कार्यक्रम में इस तरह से नहीं बैठ सकते तो समिति के लोगों ने कहा कि हम भी सामाजिक आंदोलन कर रहे हंै और किसी प्रकार का कोई न्यूसेंस नहीं कर रहे हैं। हालांकि बाद में पुलिस अधिकारियों ने उन्हें वहां से हटा दिया।
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