रामनगर । माहे रमजान के आखिरी जुम्मे पर (On the last Friday of the month of Ramzan) ईदगाह मस्जिद रामनगर में (At Idgah Mosque Ramnagar) हजारों रोजेदारों ने (Thousands of Fasting People) शिद्दत के साथ अलविदा की नमाज अदा की (Offered Farewell Prayers with great Devotion) । इस मौके पर रोजेदारों ने काली पट्टी बांधकर वक्फ बोर्ड बिल में संशोधन के खिलाफ विरोध दर्ज कराया।
रोजेदार शेख औरंगजेब, तबरेज आलम, जावेद आलम और फिरोज राइन सहित कई लोगों ने कहा कि माहे रमजान केवल इबादत का महीना नहीं, बल्कि इंसानियत, मुहब्बत और भाईचारे का संदेश देने वाला पाक महीना है। रोजा रखने से न केवल आत्मसंयम की सीख मिलती है, बल्कि गरीबों के दर्द को महसूस करने और उनकी मदद करने का जज़्बा भी पैदा होता है। तबरेज आलम ने कहा, “इस्लाम हमें अमन, चैन, एकता और भाईचारे का संदेश देता है। रमजान हमें भूख-प्यास सहकर जरूरतमंदों की तकलीफों को समझने और उन्हें मदद पहुंचाने का पैगाम देता है।”
इस अवसर पर रोजेदारों ने काली पट्टी बांधकर वक्फ बोर्ड बिल में संशोधन का विरोध जताया। उनका कहना था कि यह संशोधन उनके धार्मिक और सामाजिक अधिकारों पर असर डाल सकता है। विरोध प्रदर्शन शांतिपूर्ण रहा और नमाज के बाद देश-दुनिया में अमन और भाईचारे की दुआ की गई। देशभर की अनेक मस्जिदों में भी लाखों रोजेदारों ने शिद्दत के साथ अलविदा की नमाज अदा की ।
रमजान के इस आखिरी जुम्मे पर मस्जिद में हजारों लोगों ने मिलकर दुआ मांगी कि देश और दुनिया में शांति बनी रहे, समाज में सौहार्द और भाईचारा मजबूत हो, और हर कोई खुशी-खुशी ईद मना सके। ईद अब नजदीक है, और रोजेदार अल्लाह से दुआ कर रहे हैं कि उनके रोजे और इबादत कुबूल हों और पूरी कायनात में प्यार और मोहब्बत कायम रहे।
©2025 Agnibaan , All Rights Reserved