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हजारों बच्चे पढ़ाई से हो रहे वंचित, फीस नहीं भर पाने के कारण न क्लास, न TC

July 19, 2021


जागृत पालक संघ ने सांसद से लगाई गुहार
इंदौर।  निजी स्कूलों (Private schools) की मनमानी के खिलाफ जागृत पालक संघ (Jagrut parents union) एक बार फिर सांसद शंकर लालवानी (MP Shankar Lalwani)  से मिला और स्कूलों द्वारा किस तरह पालकों से ट्यूशन फीस (tuition fees) के नाम पर वसूली की जा रही है उसकी शिकायत भी की। इस पर सांसद ने तीन-चार दिन में जिला प्रशासन (district administration) के साथ संयुक्त बैठक कर निराकरण कराने का आश्वासन दिया है।
संघ के अध्यक्ष चंचल गुप्ता ने बताया कि लगातार शिकायतों के बावजूद स्कूलों पर कार्रवाई नहीं हो रही है। स्कूलों की हर शिकायत को अनदेखा किया जा रहा है। हम हर जगह शिकायतें कर रहे हैं, लेकिन हमारी शिकायतों को अनदेखा किया जा रहा है। स्कूलों को फीस बढ़ाने की मनाही थी, फिर भी बढ़ा दी गई है। कई बच्चों को ऑनलाइन क्लास (online classes) से बाहर किया जा रहा है, क्योंकि उन्होंने गत वर्ष और इस वर्ष की फीस नहीं भरी है और न ही स्कूल वाले टीसी (TC) दे रहे हैं। ऐसे में हजारों बच्चे अपने शिक्षा के अधिकार से वंचित हो रहे हैं। टीसी दे दें तो हम सरकारी स्कूलों (government schools) में भी पढ़ाने को तैयार हैं, लेकिन पूरी फीस भरने पर ही टीसी देने की बात स्कूलों द्वारा की जा रही है, जो शासन के नियमों के खिलाफ है।


प्रदेश में सालों से फीस रेगुलेटरी एक्ट, पर अब तक लागू नहीं
सचिव सचिन माहेश्वरी ने बताया कि फीस रेगुलेटरी एक्ट में स्पष्ट है कि हर जिले में एक ऐसी समिति बनाई जाए, जिसमें जिला शिक्षा अधिकारी के साथ एक सीए को भी शामिल किया जाए और स्कूलों को बीते 3 सालों की बैलेंस शीट प्रस्तुत करने के लिए बाध्य किया जाए, ताकि ट्यूशन फीस (tuition fees) और अन्य मदों का निर्धारण कर फीस तय की जाए। लेकिन अब तक न ही कोई कमेटी बनी है और न ही किसी भी स्कूल द्वारा बैलेंस शीट पेश की गई है। इससे स्पष्ट है कि स्कूलों की मंशा सिर्फ वसूली करने की है, इसके अलावा कुछ नहीं। यह वसूली पालकों के लिए जानलेवा साबित हो रही है।


पालकों की मुख्य मांगें
– बिना वैक्सीनेशन और पूर्ण सुरक्षा के बच्चों को स्कूल नहीं खोले जाएं।
– ट्यूशन फीस के नाम से पूरी फीस ली जा रही है, इसका निराकरण किया जाए।
– फीस न भरने के कारण ऑनलाइन पढ़ाई बंद है, जिससे बच्चे परेशान हो रहे हैं।
– फीस के कारण टीसी नहीं दिए जा रहे हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई पूरी तरह रुक
गई है। वे अपने बच्चों को किसी सरकारी स्कूल में एडमिशन नहीं दिलवा पा रहे।
– फीस के कारण बच्चों के रिजल्ट/प्रमोशन रोके गए हैं, वो जारी करवाए जाएं।
– स्कूल में लेट फीस मांगी जा रही है, उसे बंद करवाया जाए।
– जल्द ही जिला प्रशासन और पालकों की मीटिंग करवाई जाए।

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