नई दिल्ली: इजरायल-हमास युद्ध में अब तक 23 हजार से ज्यादा लोग गाजा में मारे जा चुके हैं। इनमें महिलाओं और बच्चों की संख्या सर्वाधिक है। संयुक्त राष्ट्र ने गाजा में मारे गए बच्चों और महिलाओं के जो आंकड़े जारी किए हैं, उसे जानकर आपका दिल दहल उठेगा। हमास आतंकियों पर इजरायली सेना के पलटवार ने गाजा को श्मशान में बदल दिया है। हमास आतंकियों के साथ फिलिस्तीनी नागरिकों की भी इस हमले में मौत हुई है। लैंगिक समानता को बढ़ावा देने वाली संयुक्त राष्ट्र की एक एजेंसी ने बताया कि इजराइल और गाजा के बीच जारी युद्ध में 16,000 महिलाएं और बच्चे मारे गए हैं।
संयुक्त राष्ट्र का यह आंकड़ा किसी को भी हैरान कर देने वाला है। महिलाओं के लिए कार्य करने वाली एजेंसी ‘संयुक्त राष्ट्र महिला’ (यूएन वीमेन) ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा कि अनुमान है कि प्रत्येक घंटे में दो माताएं दम तोड़ रही हैं। ‘यूएन वीमेन’ ने कहा कि 100 से अधिक दिन के संघर्ष के कारण कम से कम 3000 महिलाओं ने अपने पतियों को खो दिया है और कम से कम 10,000 बच्चों के सिर से पिता का साया उठ गया है। शुक्रवार को जारी रिपोर्ट में एजेंसी ने लैंगिक असमानता और उन परेशानियों का जिक्र किया जो महिलाओं को संघर्ष वाले स्थानों को बच्चों के साथ छोड़ने के कारण उठानी पड़ती है।
गाजा में 19 लाख लोग हो चुके हैं विस्थापित
रिपोर्ट के अनुसार गाजा क्षेत्र की आबादी 23 लाख है जिसमें से लगभग 19 लाख लोग विस्थापित हैं जिनमें ‘‘करीब दस लाख महिलाएं और लड़कियां हैं’’ जिन्हें आश्रय और सुरक्षा की तलाश है। ‘यूएन वीमेन’ की कार्यकारी निदेशक सिमा बाहौस ने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतारेस से मानवीय युद्धविराम और सात अक्टूबर को इजराइल पर गाजा के हमले के बाद बंदी बनाए गए सभी बंधकों की तत्काल रिहाई की मांग की। गाजा के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार संघर्ष में लगभग 25,000 फलस्तीनी मारे गए हैं, जिनमें से 70 प्रतिशत महिलाएं और बच्चे हैं।
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