एक प्रकरण की समयसीमा तय करने को लेकर हाई कोर्ट ने कहा
इंदौर। हाई कोर्ट (High Court) की सिंगल बेंच (Single Bench of the High Court) ने इंदौर की जिला कोर्ट (Indore District Court) में चल रहे एक प्रकरण के निराकरण की समयसीमा तय करने को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने अहम टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रकरण निराकरण की समयसीमा तय नहीं की जा सकती।
दरअसल अमित धनोतिया द्वारा एक याचिका विजय राठी के विरुद्ध इंदौर हाई कोर्ट में लगाई गई है। इसमें कहा गया है कि उन्होंने 9 दिसंबर 2015 को 10 लाख रुपए के चैक डिसआनर का मामला जिला कोर्ट में लगाया था। लगभग आठ साल से हर तारीख पर बिना कोई ठोस कारण बताए केस की सुनवाई आगे बढ़वाई जा रही है। इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस विवेक रूसिया की बेंच ने अपने आदेश में उल्लेखित किया कि इंदौर में जिला न्यायालय और सत्र न्यायालय फुल स्ट्रेंथ के साथ काम नहीं कर रहे हैं। प्रत्येक ट्रायल जज के पास हजारों ट्रायल के साथ-साथ सिविल मामले भी निर्णय के लिए लंबित है, इसलिए ऐसे में किसी एक केस के लिए कोई समयसीमा तय नहीं की जा सकती
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