- शहर के कई थानों, पुलिस लाइन और अन्य क्षेत्रों में रखे सड़ रहे-चोरी की भी आशंका
उज्जैन। सिंहस्थ 2016 में ट्रैफिक व्यवस्था बनाए रखने के लिए पीडब्ल्यूडी और यातायात विभाग द्वारा खरीदे गए लाखों रुपए के बेरिकेट्स देखरेख न होने के कारण कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं। पुलिस लाइन परिसर से लेकर कई थाने और भरतपुरी क्षेत्र में खुले में रखें हजारों बैरिकेट्स कबाड़ में तब्दील हो रहे हैं। इनके चोरी होने की भी आशंका है।
उल्लेखनीय है कि सिंहस्थ 2016 में भीड़ प्रबंधन के लिए लाखों रुपए में बनवाए गए हजारों बेरिकेड्स शहर के सभी थाना क्षेत्रों में यहां-वहां पड़े-पड़े सड़ रहे हैं। पीएचई व अन्य विभागों के पास भी लाखों का सामान खराब हो रहा है। भरतपुरी स्थित उज्जैन विकास प्राधिकरण की खाली पड़ी जमीन पर भी हजारों बैरिकेट्स टूट फूट अवस्था में बिखरे पड़े हैं। इनके चोरी होने की भी आशंका बनी हुई है। इसी तरह इंजीनियरिंग कॉलेज परिसर, रामघाट से लेकर बड़े पुल तक, इंदौर रोड और देवास रोड के कई चौराहों और सड़कों पर भी बड़ी संख्या में सैकड़ों बैरिकेट्स लावारिस पड़े नजर आ रहे हैं। महाकाल, शिप्रा नदी तथा अनेक क्षेत्रों में बैरिकेट्स का उपयोग लोग निजी रूप से करने लगे हैं। कहीं बेरीकेट्स पर कपड़े सुखाने जा रहे हैं, तो किसी ने अपने घरों और दुकानों के आगे जगह गिरने के लिए लगा रखे हैं। इतना ही नहीं कई थानों में परिसर के अंदर बैरिकेट्स के वर्षों से ढेर लगे हुए हैं और वे सड़ रहे हैं। जबकि सिंहस्थ 2016 के बाद हुई कई बैठकों में बेकार में यहां वहां पड़े सड़ रहे बैरिकेट्स को जरूरतमंद जिलों में पहुँचाने के लिए निर्देश दिए जा चुके हैं। बावजूद इसके पिछले 7 सालों से जिम्मेदार ठोस प्लानिंग नहीं बना पा रहे हैं। पड़ताल में सामने आया कि पाँच हजार से अधिक बेरिकेड्स पुलिस थानों के पास रखे हैं। करीब पाँच हजार बेरिकेड्स अन्य विभागों के परिसरों में रखे हैं। जंग व मिट्टी लगने से ये सडऩे लगे हैं। मामले में सूत्रों का कहना है कि इस संबंध में कई बैठकें हो चुकी हैं और निर्देश दिए गए हैं कि जहाँ जरूरत हो उस जिले में सिंहस्थ के दौरान खरीदे गए सामानों को पहुँचाया जाए। इसके बावजूद जवाबदार विभाग के अधिकारी ध्यान नहीं दे रहे हैं।