भोपाल। केंद्र की जटिल वैक्सीनेशन पॉलिसी (Vaccination Policy) की चीर-फाड़ हालांकि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुरू कर दी है। अब पूरे देश की निगाह उसी पर टिकी है। एक तरफ कोरोना संक्रमण (Corona Infection) का खतरा मौजूद ही है, दूसरी तरफ वैक्सीनेशन (Vaccination) की रफ्तार धीमी चल रही है। इसमें भी सबसे बड़ी मुसीबत कोविशील्ड वैक्सीन (Covishield Vaccine) लगवाने वालों की है, जिसका डोज 84 दिन बाद लगाया जा रहा है। यानी 100 से 110 दिन में इम्यूनिटी (Immunity) मिलेगी।
देश में अभी कोविशील्ड (Cowishield) और कोवैक्सीन (Covaccine) ही अधिक लग रही है और रूस की स्पूतनिक (Sputnik) तो चुनिंदा लोगों को ही उपलब्ध हो पा रही है, जिसके चलते मजबूरी में वैक्सीन (Vaccine) लगवाने के साथ केन्द्र की मूर्खतापूर्ण वैक्सीन (Vaccine) नीति को भी ढोना पड़ रहा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अभी वैक्सीनेशन (Vaccination) से जुड़े हर मामले की जानकारी केन्द्र से मांगी है। वैक्सीन की कमी के चलते जहां 18+ के लोगों को ऑनस्पॉट रजिस्ट्रेशन की सुविधा नहीं मिल रही है, वहीं दोनों वैक्सीनों के दूसरे डोज में तीन गुना से अधिक का अंतर भी है। कोवैक्सीन लगवाने वालों को दूसरा डोज 28 दिन बाद ही लग जाता है। यानी 40 से 50 दिन में इम्यूनिटी मिल जाती है, तो कोविशील्ड लगवाने वालों को इसके लिए 100 से 110 दिन का इंतजार करना पड़ता है।
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