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राहुल गांधी जिन्हें समझ रहे थे पंचलाइन उन पर चली कैंची

नई दिल्ली: संसद सत्र में राष्ट्रपति के अभिभाषण (Presidential Address) पर धन्यवाद प्रस्ताव पर सोमवार को राहुल गांधी (Rahul Gandhi) खूब बोले. लोकसभा (Lok Sabha) में राहुल गांधी की जब बारी आई तो जमकर बोले. इतना बोले कि संसद में हंगामा ही मच गया. वह अग्निवीर (Agniveer) से लेकर हिंदुत्व को लेकर मोदी सरकार पर डेढ़ घंटे तक बरसते रहे. उन्हें लगा कि संसद में उन्होंने खूब पंचलाइन मारे हैं. मगर उन्हें क्या पता कि सुबह उठते ही वे सारे पंचलाइन संसद की कार्यवाही से ही गायब हो जाएंगे. जी हां, राहुल गांधी की करीब 100 मिनट की स्पीच पर लोकसभा स्पीकर की कैंची चल गई है. राहुल गांधी के बयान पर ऐसा बवाल मचा कि अमित शाह से लेकर किरेन रिजिजू ने लोकसभा स्पीकर से शिकायत कर दी. इसके बाद लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने एक्श लिया. उन्होंने राहुल गांधी के कुछ बयानों को संसदीय कार्यवाही से हटा दिया.


दरअसल, लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को भाजपा पर जोरदार हमला बोला. उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी के नेताओं पर लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने का आरोप लगाया. राहुल गांधी के इस हमले का सत्ता पक्ष की ओर से भारी विरोध किया गया. खुद राहुल गांधी के भाषण के बीच में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी सीट से उठना पड़ा. उन्होंने राहुल गांधी पर पूरे हिंदू समुदाय को हिंसक कहने के लिए पलटवार किया और माफी की मांग की. पीएम मोदी ने दो बार राहुल गांधी की स्पीच पर दखल दिया. उनके अलावा, कम से कम पांच कैबिनेट मंत्रियों ने राहुल गांधी के भाषण के दौरान हस्तक्षेप किया. गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी से हिंदुओं पर किए गए कमेंट के लिए माफी मांगने को कहा.

राहुल गांधी के किन बयानों पर कैंची
राहुल गांधी ने सोमवार को लोकसभा में करीब एक घंटे 40 मिनट तक स्पीच दिया. इस दौरान उनके भाषण के कुछ हिस्सों को संसद की कार्यवाही के रिकॉर्ड से हटा दिया गया है. तो चलिए जानते हैं राहुल गांधी के स्पीच के किन-किन हिस्सों पर लोकसभा स्पीकर की कैंची चली है.

हिंदुओं और हिंसा को लेकर किए गए राहुल गांधी के बयान को संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया.
जब मैं पीएम मोदी की ओर देखता हूं तो वो नहीं मुस्कुराते हैं, वाला राहुल बयान भी लोकसभा की कार्यवाही से हटा.
अंबानी और अडानी को लेकर राहुल गांधी के बयान को भी हटाया गया.
राहुल गांधी की टिप्पणी कि कोटा में पूरी परीक्षा सेंट्रलाइज्ड है और अमीरों को फायदा पहुंचाने के लिए है, हटा दी गई.
अल्पसंख्यकों के साथ भाजपा द्वारा अनुचित व्यवहार किए जाने संबंधी राहुल गांधी के भाषण को हटा दिया गया.
राहुल गांधी का बयान कि अग्निवीर सेना की नहीं, बल्कि पीएमओ की योजना है, को संसद की कार्यवाही से हटा दिया गया.
भाजपा 24 घंटे नफरत और हिंसा फैलाती है… राहुल गांधी के इस बयान को भी हटा दिया गया.

राहुल गांधी ने संसद में क्या-क्या आरोप लगाए?
दरअसल, सोमवार को संसद सत्र के दौरान राहुल गांधी ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर लाये गए धन्यवाद प्रस्ताव पर विपक्ष की ओर से चर्चा की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने भाजपा पर देश में हिंसा, नफरत और डर फैलाने का आरोप लगाया था. उन्होंने दावा किया कि ये लोग हिंदू नहीं हैं. इस पर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने जोरदार तरीके से विरोध जताया. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अपनी सीट से उठना पड़ा और उन्होंने कहा कि पूरे हिंदू समाज को हिंसक कहना बहुत गंभीर विषय है. इस दौरान उन्होंने कहा कि हिंदू कभी हिंसा नहीं कर सकता, कभी नफरत और डर नहीं फैला सकता. राहुल गांधी ने भाजपा पर युवाओं, छात्रों, किसानों मजदूरों, दलितों, महिलाओं और अल्पसंख्यकों में डर पैदा करने का आरोप लगाया. हालांकि, राहुल गांधी भाषण के दौरान प्रधानमंत्री मोदी, गृहमंत्री अमित शाह के अलावा रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, संसदीय कार्य मंत्री किरेन रीजीजू, पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव, कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के कुछ अन्य नेताओं ने अलग-अलग बिंदुओं को लेकर आपत्ति दर्ज कराई.

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