देर रात में भोजन करना कुछ के लिए मजबूरी है तो बहुतों की आदत बन गई है। लेकिन सेहत को भी नुकसान न हो, इसके लिए खाने में बेहतर विकल्पों का चुनाव किया जा सकता है। ऑफिस में रात को जागकर काम करने वाले लोगों को भारी भोजन खाने की जगह हल्का नाश्ता करना चाहिए। क्योंकि भारी भोजन करने से नींद आने की समस्या रहती है। यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया के शोधकर्ताओं ने पहली बार ऐसा शोध किया है, जिसमें यह विश्लेषण किया गया है कि खाने का तरीका काम के दौरान प्रदर्शन को कैसे प्रभावित करता है।
वैज्ञानिकों ने कहा कि रात की शिफ्ट में हल्का नाश्ता खाने वाले लोग किसी भी परिस्थिति में जल्दी प्रतिक्रिया देते हैं और इसके विपरीत भारी खाना खाने वाले लोगों को नींद आने लगती है। इसी तरह से पिछले दिनों अमेरिका के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में देर रात में खाने की आदत पर एक शोध हुआ। वैज्ञानिक डॉ. डॉन लॉह और साइकिएट्री बायोविहैवियरल साइंसेज के प्रोफेसर डॉ. क्रिस कॉलवेल के इस प्रोजेक्ट के निष्कर्ष के अनुसार रात में देर से खाने की आदत का दिमाग पर बुरा प्रभाव पड़ता है। शोध के अनुसार गलत समय पर खाने से दिमाग और शरीर की जैव घडि़यों का आपसी तालमेल गड़बड़ा जाता है और नई चीजें सीखने और उन्हें याद रखने में दिक्कतें आने लगती हैं।
एक और अमेरिकी शोध का निष्कर्ष है कि दिन में काम करने वालों की तुलना में रात की पाली में काम करने वाले लोग ज्यादा खाने के आदी हो जाते हैं और इस तरह कैलोरी लेने के समय का भी कोई नियम नहीं बना रह पाता। नतीजतन, वजन बढ़ने की समस्या से दो-चार होना पड़ जाए तो आश्चर्य नहीं। टाइप-2 डायबिटीज और हाइपर एसिडिटी के साथ ग्रासनली के कैंसर का खतरा भी ऐसे लोगों के लिए बढ़ जाता है। खाने के बाद तुरंत सोने से हृदयाघात की आशंका बढ़ जाती है।
कुछ समय पहले हुए होम कुकिंग एंड ईिटंग हैबिट: ग्लोबल सर्वे के अनुसार 63 % भारतीय 8 से 9 बजे के बीच भोजन करते हैं तो 28 % उससे भी देर में। खास बात यह है कि देर रात में खाने वालों का यह प्रतिशत लगातार तेजी से बढ़ रहा है। जो सेहत के लिहाज से अच्छी खबर नहीं है। रात के भोजन को 7 बजे से पहले करने पर यकीन रखने वाले आहार विशेषज्ञों की मानें तो इन दिनों रात 8 बजे के बाद टीवी के सामने बैठे हुए कुछ भी खाते रहने की लोगों की आदत उनके तन और मन दोनों पर विपरीत असर डाल रही है।
तो क्या देर रात में खाने के इन नुकसानों को जानने के बाद रात के खाने से तौबा ही कर लिया जाए? नहीं ऐसा नहीं करें। रात के खाने के फायदे-नुकसान इस बात पर विशेष रूप से निर्भर हैं कि आप क्या खाते हैं? पिछले दिनों लंदन के किंग्स कॉलेज में एक शोध हुआ, जिसका दिलचस्प निष्कर्ष यह था कि रात आठ बजे के बाद खाने का बच्चों के मोटापे की समस्या के साथ कोई सीधा संबंध नहीं है। मोटापा इस बात पर अधिक निर्भर करता है कि खाने में कौन-सी चीजें हैं और कितनी हैं।
पोषण विशेषज्ञ भी रात में खाली पेट सोने के लिए मना करते हैं। यदि आप दिन के भोजन के बाद रात का भोजन नहीं करते हैं तो कई घंटे खाली पेट रहने से एसिडिटी, जी मिचलाना, कमजोरी और अनिद्रा जैसे कई रोगों के शिकार बन सकते हैं। शरीर को चुस्त-दुरुस्त रखने के लिए जरूरी पोषक तत्वों की पूर्ति के लिए भी थोड़े-थोड़े समयांतराल पर कुछ खाते रहें।
हृदय रोग विशेषज्ञ कहते हैं कि दिल को सही-रखना है तो हमें पश्चिम के लोगों की नकल से बचने की जरूरत है। जंक फूड हमारे लिए कहीं ज्यादा नुकसानदेह हो सकते हैं। रात में ज्यादा तैलीय, मसालेदार, आइसक्रीम जैसी वसायुक्त और कार्बोहाइड्रेट वाली चीजों से बचना चाहिए। देर रात तक जगना पड़े तो हर घंटे-डेढ़ पर घंटे पर पानी जरूर पिएं। सोने से कुछ समय पहले एक गिलास पानी में एक नींबू का रस और दो-तीन चम्मच शहद मिलाकर पी सकते हैं। यदि भूख का एहसास हो तो कोई फल ले सकते हैं। पपीता हर मौसम के लिए मुफीद रहता है।
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