नई दिल्ली। कोरोना वायरस महामारी से अब दुनिया उबरने लगी है। दो साल से अधिक समय तक महामारी ने दुनियाभर के लगभग सभी देशों को अपनी चपेट में लिया और लाखों लोगों की जान चली गई। हालांकि, राहतभरी बात यह रही कि कई देशों ने कोरोना वैक्सीन का इजाद कर लिया, जिससे महामारी पर बड़े स्तर पर काबू पाया जा सका।
भारत ने भी अपनी देसी कोरोना वैक्सीन से करोड़ों लोगों को महामारी की चपेट में आने से बचाया। इस दौरान सोशल मीडिया पर कोरोना वैक्सीन को लेकर तरह-तरह के दावे किए जाने लगे। इसमें से कुछ में सच्चाई पाई गई, तो कई झूठे निकले। इसी तरह हाल के दिनों में वैक्सीन को लेकर मैसेज वायरल हो रहा है, जिसपर पीआईबी ने फैक्ट चेक करके उसकी सच्चाई बताई है।
कौन-सा मैसेज हो रहा वायरल?
सोशल मीडिया पर इन दिनों कोरोना वैक्सीन को लेकर एक मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है, जिसमें कहा जा रहा है कि जिसने भी कोविड वैक्सीन लगवा ली है, उन्हें पांच हजार रुपये दिए जा रहे हैं। पीआईबी फैक्ट चेक ने ट्वीट किया, ”एक वायरल मैसेज में दावा किया जा रहा है कि जिन लोगों ने कोविड वैक्सीन लगवा ली है उन्हें एक ऑनलाइन फॉर्म भरने के बाद प्रधानमंत्री जन कल्याण विभाग द्वारा ₹5,000 प्रदान किए जा रहे हैं।”
क्या है वायरल दावे की सच्चाई?
क्या सही में कोरोना वायरस की वैक्सीन लगवाने वालों को पांच हजार रुपये दिए जा रहे हैं? सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद लोग इस मैसेज को सही न मान लें, इसके लिए पीआईबी फैक्ट चेक ने ट्वीट करके जानकारी दी है। इस दावे को पूरी तरह से पीआईबी ने फर्जी करार दिया है। यानी कि जिन लोगों ने कोविड वैक्सीन लगवा ली है, उन्हें ऑनलाइन फॉर्म भरने पर पांच हजार रुपये नहीं दिए जा रहे हैं। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा यह मैसेज पूरी तरह से फर्जी पाया गया है।
सोशल मीडिया पर वायरल होते हैं कई फर्जी मैसेजेस
बताते चलें कि सोशल मीडिया पर कई तरह के दावे रोजाना वायरल होते रहते हैं। इसमें से कई फर्जी भी निकलते हैं, लेकिन जब तक लोगों को सच्चाई पता चलती है, तब तक उनका काफी नुकसान हो चुका होता है। ऐसे में पिछले लंबे समय से सरकार पीआईबी फैक्ट चेक के माध्यम से इस तरह के वायरल मैसेज की सच्चाई लोगों तक पहुंचाती है। ट्विटर अकाउंट ”PIBFactCheck” आपको तमाम तरह के वायरल हो रहे मैसेजेस की सच्चाई देखने को मिल जाएगी।
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